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सिंधू ने जीता दिल, साक्षी ने किया निराश...

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मंगलवार, 29 अगस्त 2017 (09:31 IST)
नई दिल्ली। रियो ओलंपिक की दो भारतीय पदक विजेता महिला खिलाड़ियों बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधू और पहलवान साक्षी मलिक के बीच चंद दिनों के अंदर ही मीलों लंबा फासला हो गया है।
 
गत वर्ष अगस्त में आयोजित रियो ओलंपिक और इस साल अगस्त में आयोजित कुश्ती तथा बैडमिंटन की विश्व चैंपियनशिप में प्रदर्शन के आधार पर दोनों खिलाड़ियों के बीच यह फासला आ गया है।
 
साक्षी ने ओलंपिक में देश को सबसे पहले कांस्य पदक दिलाया था और उनके जीतने के बाद सिंधू ने बैडमिंटन में रजत पदक जीता था।
 
इस साल 21 अगस्त से फ्रांस के पेरिस में विश्व कुश्ती प्रतियोगिता और स्कॉटलैंड के ग्लास्गो में विश्व बैडमिंटन प्रतियोगिता की शुरुआत हुई। दोनों प्रतियोगिताओं में इन ओलंपिक पदक विजेता खिलाड़ियों पर नज़रें टिकी हुई थीं जिसमें सिंधू ने खुद को साबित कर दिया जबकि साक्षी ने खासा निराश किया।
 
सिंधू को फाइनल में जापान की नोजोमी ओकूहारा के खिलाफ बेहद उतार चढ़ाव भरे रोमांचक मुकाबले में तीन गेमों के संघर्ष में हार कर रजत पदक से संतोष करना पड़ा। चौथी सीड सिंधू और सातवीं सीड ओकूहारा के बीच यह हाईवोल्टेज मुकाबला एक घंटे 50 मिनट तक चला जिसमें जापानी खिलाड़ी ने 21-19, 20-22, 22-20 से जीत हासिल की।
 
सिंधू को रियो ओलंपिक 2016 में रजत जीतने के बाद विश्व चैंपियनशिप 2017 में भी रजत से संतोष करना पड़ गया। भारत के लिए टूर्नामेंट ऐतिहासिक रहा और उसने एक चैंपियनशिप में  पहली बार दो पदक जीतने की उपलब्धि हासिल की। साइना नेहवाल को कांस्य पदक मिला। सिंधू के नाम अब विश्व चैंपियनशिप में एक रजत तथा दो कांस्य पदक और एक ओलंपिक पदक दर्ज हो गया है।
 
बैडमिंटन स्टार ने जहां विश्व चैंपियनशिप में रजत जीता वहीं साक्षी विश्व चैंपियनशिप के  पहले ही राउंड में बाहर हो गई। विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में भारत का सूपड़ा भी साफ रहा। विश्व प्रतियोगिता भारत के कुल 24 पहलवान ग्रीको रोमन, महिला फ्री स्टाइल और पुरुष फ्री स्टाइल में उतरे थे जिनमें से एक भी पदक जीतने के राउंड में नहीं पहुंच सका।
 
ओलंपिक कांस्य पदक विजेता भारत की साक्षी मलिक को विश्व कुश्ती प्रतियोगिता में देश की सबसे बड़ी पदक उम्मीद माना जा रहा था लेकिन उन्होंने 60 किग्रा वर्ग में जर्मनी की लुईसा  निमेश के खिलाफ 2-0 की बढ़त बनाने के बावजूद मुकाबला गंवा दिया और पहले राउंड में 1-3 से  हारकर बाहर हो गईं।
 
साक्षी को 23 पहलवानों में 14वां स्थान हासिल हुआ। साक्षी ने इस वर्ष मई में भारत की मेजबानी में हुई एशियाई चैंपियनशिप में बढ़े हुए वजन वर्ग 60 किग्रा में हिस्सा लिया था और रजत पदक जीता था।
 
जापानी पहलवान से फाइनल में हारने के बाद उन्होंने एक विवादास्पद बयान भी दिया था कि जापानी पहलवान को हराने के लिए उन्हें दूसरा जन्म लेना पड़ेगा।
 
साक्षी को विश्व चैंपियनशिप से पहले भारतीय टीम में ही शामिल अपने पति सत्यव्रत कादियान के साथ पेरिस में घूमने फिरने और उसकी फोटो सोशल मीडिया पर डालने को लेकर कुश्ती फेडरेशन की फटकार का भी सामना करना पड़ा था।
 
फेडरेशन ने विश्व चैंपियनशिप से  पहले पेरिस में लंबा ट्रेनिंग कैंप लगाया था। लेकिन साक्षी अपने अभ्यास को लेकर पूरी तरह गंभीर नहीं दिखाई दीं जिसका नतीजा पहले राउंड की हार के साथ सामने आ गया।
 
रियो ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली इन महिला खिलाड़ियों के विश्व चैंपियनशिप में प्रदर्शन ने उनके बीच मीलों लंबा फासला बना दिया है। (वार्ता) 
 
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