प्योंगयोंग। गर्म अफ्रीकी देशों यूनान, घाना और नाइजीरिया को प्योंगयोंग में शुरू होने जा रहे शीतकालीन ओलंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह में सबसे आगे रहेंगे। ओलंपिक टीम हमेशा ही खेलों के जन्मदाता माने जाने वाले यूनान के बाद समारोह में उतरती हैं। मेज़बान देश की भाषा के आधार पर हिस्सा लेने आए देशों को उनके नामों के आधार पर क्रम में प्रवेश करना होता है।
दक्षिण कोरिया के प्योंगयोंग में 9 से 25 फरवरी तक चलने वाले शीतकालीन ओलंपिक खेलों में कोरियाई वर्णमाला के आधार पर देशों को उद्घाटन समारोह में उतारा जाएगा और इसी आधार पर भीषण गर्मी और उच्च तापमान वाले अफ्रीकी देशों के समारोह में सबसे आगे रहेंगे। कोरियाई वर्णमाला को हानगियुल कहा जाता है, जिसकी शुरुआत अंग्रेजी के अक्षर 'जी' से शुरू होती है और उसका आखिरी अक्षर 'एन' पर समाप्त होता है।
ओलंपिक टीम हमेशा ही खेलों के जन्मदाता माने जाने वाले यूनान के बाद समारोह में उतरती हैं। मेज़बान देश की भाषा के आधार पर हिस्सा लेने आए देशों को उनके नामों के आधार पर क्रम में प्रवेश करना होता है। यह नाम आमतौर पर रोमन में लिखे जाते हैं।
कोरियाई किंग सिजोंग द ग्रेट ने इसकी खोज की थी जो चीनी भाषा के कठिन शब्दों का विकल्प है। हानगियुल 600 वर्ष पुरानी लिखने की प्रणाली है, जिसे दक्षिण और उत्तर कोरिया दोनों देशों में उपयोग किया जाता है। इस वर्णमाला की इसकी वैज्ञानिक प्रामाणिकता के लिए काफी प्रशंसा भी की जाती रही है। (वार्ता)