(कृपाशंकर बिश्नोई, अर्जुन अवॉर्डी)
कजाकिस्तान। सीनियर विश्व कुश्ती में भारतीय पहलवानों के खराब प्रदर्शन का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। कजाकिस्तान के नूर-सुल्तान में चल रही सीनियर विश्व कुश्ती चैंपियनशिप के आज दूसरे दिन भी भारतीय पहलवानों के हाथ निराशा लगी।
गैर-ओलंपिक भार वर्ग में शनिवार को मैट पर उतरे भारतीय पहलवान व एशियाई चैम्पियनशिप के रजत पदकधारी हरप्रीत सिंह (82 किग्रा), सागर (63 किग्रा), योगेश (72 किग्रा) और मंजीत (55 किग्रा) अपने पहले ही मुकाबलों के दौरान हार गए थे। आज तीन ग्रीको रोमन ओलंपिक भार वर्गों में भारतीय पहलवान मनीष (67 किग्रा), सुनील कुमार (87 किग्रा) और रवि कुमार (97 किग्रा) अखाड़े में उतरे।
मनीष (67 किग्रा) : भारतीय पहलवान मनीष अपना पहला मुकाबला बुल्गारिया के Deyvid Tihomirov DIMITROV से 0-10 की तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर पराजित हो गए। पहले 3 मिनट में बुल्गारियन पहलवान रक्षात्मक कुश्ती करते हुए नजर आए। परिणाम स्वरूप रेफरी ने उन्हें ग्राउंग रेस्लिंग पर आने के आदेश दिए, जिसका फायदा भारतीय पहलवान मनीष कुमार नहीं उठा सके।
जब अगले 3 मिनट के दौरान मनीष को रक्षात्मक कुश्ती करने के लिए नीचे लिटाया गया तो बुल्गारियान पहलवान डेविड ने इसका पूरा फायदा उठाया। भारतीय पहलवान को पीठ की तरफ डेंजर व थ्रो लगाकर अंकों की बोछार कर दी और मुकाबले का समय समाप्ति से पहले ही तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर जीत दर्ज की। बुल्गारियन पहलवान डेविड आगे हार के साथ ही भारत की चुनौती इस भार वर्ग में समाप्त हो गई।
सुनील कुमार (87 किग्रा) : भारतीय पहलवान सुनील कुमार भी अपना पहला मुकाबला अमेरिका के Josef Patrick के खिलाफ 0-6 से हार बैठे। इसके बाद अमेरिकन पहलवान Josef Patrick बेलारूस के Mikalai Stadub से हार गए। भारत की चुनौती इस वजन में भी समाप्त हो गई।
रवि कुमार (97 किग्रा) : 97 किलोग्राम ग्रीको रोमन में भारतीय पहलवान रवि कुमार ने जरूर भारतीय फेंस को खुश होने का मौका दिया, जब उन्होने चीनी ताइपेई के Cheng Hao Chen को 5-0 से परास्त किया लेकिन ये खुशी भी ज्यादा देर नहीं रह पाई क्योंकि अगले राउंड में चेक गणराजय के Artur Omarov से रवि कुमार को 5-0 के बाद चित पट पर मुकि खानी पड़ी।
Artur Omarov भी अपनी जीत का सिलसिला बरकरार नहीं रख सके उन्हे सेमीफाइनल मे सर्बिया के Mihail Kajaia ने 2-1 अंको से हरा दिया इस तरह इस वजन मे भी भारत का ओलंपिक कोटा प्राप्त करने का सपना चकना चूर हो गया।