जकार्ता। आठवीं वरीयता प्राप्त साइना नेहवाल का भाग्य ने जबरदस्त साथ दिया और उन्होंने रविवार को फाइनल में अपनी प्रतिद्वंद्वी ओलम्पिक चैंपियन स्पेन की कैरोलिना मारिन के रिटायर होने से 3 लाख 50 हजार डॉलर के इंडोनेशिया मास्टर्स बैडमिंटन टूर्नामेंट का खिताब जीत लिया।
पूर्व नंबर एक भारतीय खिलाड़ी फाइनल में पांचवीं सीड मारिन के खिलाफ पहले गेम में 10 मिनट में 4-10 से पिछड़ी हुई थीं कि मारिन ने चोट के कारण मैच छोड़ दिया और साइना ने नए वर्ष में अपना पहला खिताब जीत लिया। साइना पिछली बार भी इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची थी और उन्हें तेई जू यिंग से हारकर उपविजेता से संतोष करना पड़ा था।
साइना ने पिछले साल राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण और एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता था जबकि वह डेनमार्क, इंडोनेशिया मास्टर्स तथा सैयद मोदी इंटरनेशनल टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची थीं।
भारतीय खिलाड़ी का विश्व रैंकिंग में चौथे नंबर की मारिन के खिलाफ अब 6-6 का करियर रिकॉर्ड हो गया है। साइना को इसी महीने मलेशिया मास्टर्स में मारिन से हार का सामना करना पड़ा था। साइना पिछले वर्ष मारिन से विश्व चैम्पियशिप में भी हारी थीं। साइनाने मारिन को इससे पहले आखिरी बार अक्टूबर 2017 में डेनमार्क ओपन में हराया था।
यहां फाइनल में उम्मीद थी साइना ओलम्पिक चैंपियन मारिन को कड़ी चुनौती देंगी। साइना ने फाइनल तक जिस तरह प्रदर्शन किया था उससे उन्होंने खिताब के लिए अपना दावा मजबूती से पेश किया था लेकिन फाइनल में मारिन ने शानदार शुरुआत की और लगातार तीन अंक लेकर 3-0 की बढ़त बना ली।
साइना ने स्कोर 2-5 किया लेकिन मारिन ने लगातार चार अंक लेकर अपनी बढ़त को 9-2 पहुंचा दिया। यहां से साइना का वापसी करना मुश्किल लग रहा था कि तभी मारिन चोटिल हो गईं। तीन बार की विश्व चैंपियन मारिन भारतीय खिलाड़ी के शॉट पर रिटर्न लगाने की कोशिश में अपना घुटना चोटिल कर बैठीं। वह कोर्ट पर लेटकर दर्द से कराहने लगीं।
मारिन ने चोट के बावजूद खेलना जारी रखा और एक अंक बटोरा लेकिन 10-3 की बढ़त पर उन्होंने दर्द के कारण मैच छोड़ना बेहतर समझा जिससे साइना विजेता बन गईं। चोटिल मारिन दर्शकों का अभिवादन करने के बाद लंगड़ाते हुए कोर्ट से बाहर चली गईं। जीत के बाद साइनाने कहा कि मारिन ने अच्छी शुरुआत की लेकिन उनका चोटिल होना दुर्भाग्यपूर्ण रहा।
इस बीच पुरुष एकल वर्ग का खिताब गैर वरीय डेनमार्क के एंडर्स एंटनसन ने शीर्ष वरीयता प्राप्त जापान के केंतो मोमोता को 1 घंटे 19 मिनट के संघर्ष में 21-16, 14-21, 21-16 से हराकर जीत लिया।