Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

संघर्ष से लेकर उपलब्धियों तक का सफर बताते रानी रामपाल के आंखो में आया पानी (Video)

लोग जब कहते हैं कि बेटी को रानी जैसा बनाना है तो गर्व होता है : रानी रामपाल

WD Sports Desk
गुरुवार, 24 अक्टूबर 2024 (17:09 IST)
अपने सोलह साल के सुनहरे कैरियर में कई उपलब्धियां अर्जित कर चुकी भारतीय महिला हॉकी की ‘पोस्टर गर्ल’ रानी रामपाल ने कहा कि उन्हें सबसे ज्यादा गर्व इस बात का है कि शुरूआत में उनके खेलने का विरोध करने वाले लोग अब अपनी बेटियों को उनके जैसा बनाना चाहते हैं।

तोक्यो ओलंपिक में ऐतिहासिक चौथे स्थान पर रही भारतीय टीम की कप्तानी करने वाली रानी ने बृहस्पतिवार को खेल से संन्यास का ऐलान कर दिया। भारत के लिये अप्रैल 2008 में कजान में ओलंपिक क्वालीफायर में चौदह वर्ष की उम्र में पदार्पण करने वाली रानी ने 254 मैचों में 205 गोल दागे।

उन्होंने (भाषा) को दिये विशेष इंटरव्यू में कहा ,‘‘ किसी भी खिलाड़ी के लिये जीवन का यह सबसे कठिन फैसला होता है जब उसे अपने खेल को अलविदा कहना होता है। लेकिन मैं पीछे मुड़कर देखती हूं तो बहुत गर्व भी होता है क्योकि सात साल की उम्र में पहली बार हॉकी थामने वाली हरियाणा के एक छोटे से गांव शाहबाद मारकंडा की लड़की ने कभी सोचा भी नहीं था कि वह देश के लिये पंद्रह साल हॉकी खेलेगी और देश की कप्तान बनेगी।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ मेरा इतना लंबा कैरियर रहा और बहुत कम लड़कियों को ये मौका मिलता है। मैं जितने समय भी खेली , दिल से खेली । हॉकी ने बहुत कुछ दिया है मुझे , एक पहचान दी है। आज मिली जुली फीलिंग है। इतने साल तक खेलने की खुशी है तो दुख भी है कि अब भारत की जर्सी कभी नहीं पहन सकेंगे।’’

एक रेहड़ी वाले की बेटी ने जब हॉकी स्टिक थामी तो समाज ने काफी विरोध किया लेकिन परिवार ने हर कदम पर उनका साथ दिया और आज उसी समाज के लिये रानी मिसाल बन गई है।

पद्मश्री और खेल रत्न से नवाजी जा चुकी 29 वर्ष की इस महान स्ट्राइकर ने कहा ,‘‘ बीस पच्चीस साल पहले एक लड़की का हरियाणा के एक रूढिवादी इलाके से निकलकर खेलना आसान नहीं था। समाज का काफी दबाव होता है। मां बाप को यह भी डर रहता है कि बच्चे के सपने पूरे होंगे या नहीं। लोग उनको बोलते थे कि लड़की है जिसको खेलने भेजोगे तो आपका नाम खराब करेगी। लेकिन मेरे पापा ने सभी से लड़कर मुझे मेरे सपने पूरे करने का मौका दिया।’’

उन्होंने कहा ,‘‘अब उसी कस्बे में लौटती हूं तो लोग अपनी बेटियों को कहते हैं कि तुम्हें रानी जैसा बनना है तो लगता है कि मैं अपने मकसद में कामयाब हो गई। मैं हर माता पिता से कहूंगी कि अपनी बेटियों को उनके सपने पूरे करने का मौका दें, एक दिन आपको उन पर गर्व होगा।’’

रानी ने कहा ,‘‘ मैं सभी लड़कियों को संदेश देना चाहती हूं कि चुनौतियों से भीतर एक आग पैदा होनी चाहिये कि जीवन में कुछ करना है। मेरी गरीबी ने मेरे भीतर वह आग पैदा की। बड़े सपने देखना बहुत जरूरी है तभी वह सच होते हैं।’’

तोक्यो ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहने को भारतीय महिला हॉकी के लिये बड़ा बदलाव बताते हुए उन्होंने कहा ,‘‘ मैने अपने कैरियर में पहली बार देखा कि लोगों ने सुबह छह बजे उठकर ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ हमारा कांस्य पदक मैच देखा।यह बहुत बड़ा बदलाव था लोगों की महिला हॉकी को लेकर सोच में। इस प्रदर्शन ने कई लड़कियों को हॉकी स्टिक थामने की प्रेरणा दी। लेकिन अभी भी कई बार रात को सोते समय ख्याल आता है कि तोक्यो में पदक से एक कदम दूर रह गए।’’<>

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

बांग्लादेशी पुरुष क्रिकेटरों का भारतीय महिलाओं ने शॉल से किया स्वागत तो BCCI पर भड़के फैंस

पूरे Diamond League में ओलंपिक के इस कांस्य पदक विजेता से आगे नहीं निकल पाए नीरज चोपड़ा

बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए भारतीय क्रिकेटर्स बांह पर काली पट्टी बांध कर उतरें, फैंस ने की मांग

INDvsPAK हॉकी मैच में हूटर बजने से पहले आपस में भिड़े खिलाड़ी (Video)

INDvsBAN सीरीज को रद्द करने की मांग ने पकड़ा जोर, BCCI से नाराज फैंस

सभी देखें

नवीनतम

संघर्ष से लेकर उपलब्धियों तक का सफर बताते रानी रामपाल के आंखो में आया पानी (Video)

पुणे टेस्ट में पानी नहीं मिलने पर दर्शक हुए नाराज, लगाए MCA के खिलाफ नारे

वाशिंगटन सुंदर ने 3 साल बाद वापसी करते हुए मचाया गदर, 7 विकेट चटकाकर लिखा इतिहास

7 विकेट की सुंदर वापसी, न्यूजीलैंड की टीम 259 रनों पर सिमटी

अनूठे प्रयोग से साजिद और नोमान ने इंग्लैंड के 9 विकेट झटके

આગળનો લેખ
Show comments