बेंग्लुरु। राष्ट्रीय सीनियर टीम के खिलाड़ियों ने शनिवार को कहा कि हॉकी इंडिया के ‘बेसिक लेवल’ के कोचिंग कोर्स ने खेल के बारे काफी चीजें बताई जिससे उन्हें मैदान पर बेहतर फैसले लेने में मदद मिलेगी। भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के यहां स्थित केंद्र में मौजूद 32 सीनियर पुरुष और 23 महिला कोर संभावित खिलाड़ियों ने इस ऑनलाइन कोर्स में हिस्सा लिया जिसे ‘हॉकी इंडिया कोचिंग एजुकेशन पाथवे’ का नाम दिया गया है जो पिछले साल शुरू हुआ था।
कोर संभावित खिलाड़ियों को अपने ऑनलाइन सत्र की समीक्षा के लिए 36 घंटे मिले, जिसके बाद उन्होंने एक ऑनलाइन ‘एसेसमेंट’ परीक्षा दी जो एफआईएच नियम और दिशानिर्देशों पर आधारित थी। पुरुष और महिलाओं की यह परीक्षा क्रमश: 11 और 15 मई को हुई।
पुरुष टीम के मिडफील्डर हार्दिक सिंह ने कहा कि सभी नियम और दिशानिर्देश सीखने से उन्हें बेहतर फैसले करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘हॉकी बहुत ही फुर्ती का खेल है। सेकेंड के अंदर कई चीज हो जाती हैं और कभी कभार सही फैसले लेने का हमारे पास ज्यादा समय नहीं होता।’ उन्होंने कहा, ‘कोचिंग कोर्स के जरिए सभी नियमों को जानने से मुझे निश्चित रूप से मदद मिलेगी और साथ ही हमें पता होगा कि मैचों के दौरान कब वीडियो रैफरल लेने चाहिए।’
फारवर्ड रमनदीप ने कहा कि उन्हें खेल का इतिहास जानकर खुशी हुई। उन्होंने कहा, ‘मुझे सच में कोर्स में बहुत मजा आया। मैं लंबे समय से खेल रहा था लेकिन मैं खेल के इतिहास के बारे में इतना कुछ नहीं जानता था। हॉकी भारतवासियों के लिए काफी अहम खेल है और हमारे लिए यह जानना बहुत ही महत्वपूर्ण रहा कि यह खेल कैसे शुरू हुआ और दुनिया भर में कैसे फैला।’ महिला टीम की गोलकीपर सविता ने कहा, ‘गोलकीपर होने के नाते, मुझे लगता है कि मेरे लिए हॉकी से जुड़े सभी पहलुओं को जानना बहुत अहम है।’ (भाषा)