पटना। बिहार की राजधानी पटना में रविवार सुबह हॉफ मैराथन में राष्ट्रमंडल खेल की स्वर्ण पदक विजेता गीता फोगाट के साथ हजारों लोगों ने जोश और जूनून के साथ दौड़ लगाई। राजधानी पटना में आयोजित पटना हॉफ मैराथन 2018 में हजारों लोगों ने भाग लिया।
यह दूसरा अवसर था, जब पटना में हॉफ मैराथन का आयोजन किया गया। पटना मैराथन में पिछले साल 5,000 लोगों ने भाग लिया था। उसमें भी कई विशिष्ट लोगों ने दौड़ लगाई थी। इसमें भी प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों ने हिस्सा लिया था। रविवार की मैराथन दौड़ में प्रतिभागियों में काफी उत्साह देखने को मिला। हॉफ मैराथन में राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता गीता फोगाट और फिल्म 'दंगल' फेम गीता फोगाट बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहीं।
रविवार का दिन होने के कारण लोगों की छुट्टियां थीं और वे जोश और जुनून के साथ दौड़ लगाने के लिए पहुंच गए। संडे मॉर्निंग, मैराथन मॉर्निंग रही। पटना मैराथन में दौड़ने के जुनून में उम्र भी बाधा नहीं बनी। 70 साल के बुजुर्ग ने भी इस दौड़ में हिस्सा लिया। सुबह करीब 6 बजे पटना हॉफ मैराथन के अलग-अलग वर्गों की शुरुआत पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव, जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, जिला अधिकारी कुमार रवि, वरीय पुलिस अधीक्षक मनु महाराज ने की।
हॉफ मैराथन में 'दंगल' गर्ल गीता फोगाट के साथ ही बुजुर्ग और विदेशी धावकों ने भी भाग लिया। इसमें भाग लेने के लिए देश-विदेश से धावक पहुंचे। मैराथन में बिहार के अलावा पश्चिम बंगाल, झारखंड, उत्तरप्रदेश, असम, मणिपुर, नोएडा, दिल्ली, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के धावकों ने पंजीकरण कराया था। युवा पीढ़ी को स्वस्थ करने और बेहतर भविष्य का सपना दिखाने का उत्साह हर लोगों में दिखा।
मैराथन में करीब 6,000 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। पेशेवर धावकों के अलावा पटना की कई बड़ी हस्तियां इस दौड़ में शामिल हुईं। पूरे मैराथन को 3 श्रेणियों और 4 जोनों में बांटा गया था। मैराथन 3 वर्गों में आयोजित की गई। 4, 10 और 21 किलोमीटर में बड़ी संख्या में धावकों ने दौड़ लगाई।
राजधानीवासियों के लिए सुबह 6 से 8 बजे तक ट्रैफिक रूट भी बदला रहा। इस अवधि में गांधी मैदान से फ्रेजर रोड, डाक बंगला चौराहा, आयकर गोलंबर तक सड़क के दोनों तरफ मार्ग पर वाहन नहीं चले जबकि आयकर गोलंबर से सरदार पटेल मार्ग, इको पार्क, स्टैंड रोड, अणो मार्ग, सर्कुलर रोड, चिड़ियाघर, गोल्फ क्लब, शेखपुरा मोड़ फ्लाई ओवर के अंतिम छोर तक सड़क की एक तरफ का मार्ग प्रभावित रहा।