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टोकियो ओलंपिक में स्वर्ण जीतने का सपना जिंदा : मैरीकॉम

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सोमवार, 12 दिसंबर 2016 (19:35 IST)
नई दिल्ली। 5 बार की विश्व चैंपियन और ओलंपिक कांस्य पदक विजेता एमसी मैरीकॉम के दिल में 2020 के टोकियो ओलंपिक में देश के लिए स्वर्ण पदक जीतने का सपना अभी जिंदा है और इस सपने का पूरा करने के लिए उन्होंने रिंग में वापसी कर ली है। 
33 साल की मैरीकॉम ने उनके करियर को लेकर चल रहीं अटकलों पर विराम लगाते हुए सोमवार को कहा कि मैं रिंग में लौट चुकी हूं और आईजी स्टेडियम में चल रहे राष्ट्रीय शिविर में हिस्सा ले रही हूं। मेरा जज्बा कायम है और मेरा इरादा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करना है। 
 
लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली मैरीकॉम ने इम्फाल स्थित अपनी मैरीकॉम क्षेत्रीय मुक्केबाजी फाउंडेशन अकादमी के लिए पेट्रोलियम स्पोर्ट्स प्रमोशन बोर्ड (पीएसपीबी) के साथ 5 साल का करार करने के बाद यह बात कही। इस करार के तहत पीएसपीबी मैरीकॉम अकादमी को 5 वर्षों के लिए 75 लाख रुपए देगा। पीसीपीबी के अध्यक्ष और गैल के सीएमडी बीसी त्रिपाठी ने इस करार के तहत 15 लाख रुपए का पहला चेक मैरीकॉम को प्रदान किया। 
 
अपनी भविष्य की योजनाओं पर मैरीकॉम ने कहा कि मैं अंतरराष्ट्रीय स्तर, राष्ट्रमंडल खेलों, एशियाई खेलों और फिर टोकियो ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करना चाहती हूं। मैं हाल में हरिद्वार में हुई राष्ट्रीय चैंपियनशिप में हिस्सा लेना चाहती थी जिसके लिए मैंने पूरी ट्रनिंग की थी लेकिन संसद सत्र की वजह से मैं इस चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं ले पाई। 
 
पद्मभूषण और राजीव गांधी खेलरत्न से सम्मानित मैरीकॉम अगस्त में हुए रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाई थी जिसके बाद उनके करियर को लेकर तमाम तरह की अटकलें उठने लगी थीं, लेकिन मैरीकॉम अपनी वापसी के लिए अपने पुराने वजन वर्ग लाइट फ्लाइवेट 48 किग्रा में लौट रही हैं, हालांकि मैरीकॉम ने 2014 के इंचियोन एशियाई खेलों में 51 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था। उनका ओलंपिक कांस्य पदक भी 51 किग्रा वर्ग का था। 
 
मणिपुर की मैरीकॉम 48 किग्रा वर्ग के लिए ही अपनी ट्रेनिंग कर रही हैं। उन्होंने कहा कि एशियाई खेलों में 48 किग्रा वजन वर्ग वापस लौट रहा है। मैं इस वजन वर्ग में खुद को सहज महसूस करती हूं। मैं आगे अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में इसी वजन वर्ग में उतरना चाहती हूं। यदि अगले टोकियो ओलंपिक में 48 किग्रा वजन लाया जाता है तो मैं इसी वर्ग में अपनी चुनौती पेश करना चाहूंगी, लेकिन यदि ऐसा नहीं होता है तो मैं 51 किग्रा वर्ग में उतरूंगी। 
 
ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (आईबा) 2020 टोकियो ओलंपिक में 2 और वजन वर्गों को शामिल करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि मैंने लाइट फ्लाईवेट में फिर से खेलने का फैसला किया है, क्योंकि यह मेरा मूल भार वर्ग है। इस वर्ग में खेलने के लिए मुझे अपने शरीर को तकलीफ नहीं देनी होगी। मैं एक बार फिर बहुत सकारात्मक महसूस कर रही हूं और देखते हैं कि मैं अब क्या करूंगी।
 
स्टार मुक्केबाज ने कहा कि मुझे लगता है कि आईबा एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों में लाइट फ्लाईवेट को शामिल करेगा। इसके अलावा यह ओलंपिक में भी शामिल किया जा सकता है इसलिए मुझे इससे काफी उम्मीदें हैं। 
 
राज्यसभा सांसद मैरीकॉम अपनी वापसी के लिए तैयार हैं और इस दिग्गज मुक्केबाज को उनके शानदार करियर के लिए आईबा की 70वीं वर्षगांठ पर 20 दिसंबर को लीजेंड पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। मैरीकॉम का मानना है कि यह पुरस्कार उन्हें और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा। 
 
अपनी अकादमी के लिए मैरीकॉम ने कहा कि देश ने मुझे बहुत कुछ दिया और मैं देश को वापस कुछ देना चाहती हूं। मैं अपनी अकादमी से ऐसे चैंपियन तैयार करना चाहती हूं, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश के लिए पदक जीत सकें। 
 
उन्होंने कहा कि काफी लोगों ने कहा कि सांसद बनने के बाद मुझे यह सब करने की क्या जरूरत है, लेकिन मेरा यह सपना सांसद बनने से पहले का है जिसे मैं पूरा करना चाहती हूं। मैं शुक्रगुजार हूं पीएसपीबी की जिन्होंने मेरी अकादमी को सहयोग देने के लिए हाथ बढ़ाया। भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) भी हमारी अकादमी के बच्चों को मदद दे रहा है जिसमें दैनिक भत्ते के अलावा साल में एक किट और कोच की सुविधा शामिल है, लेकिन हम उनसे ट्रेनर और फिजियो की भी मांग कर रहे हैं। 
 
इस अवसर पर पीएसपीबी के अध्यक्ष बीसी त्रिपाठी ने बताया कि मैरीकॉम अकादमी को 5 वर्षों की अवधि के लिए 75 लाख रुपए दिए जाएंगे। इसमें से 15 लाख रुपए की पहली किस्त का चेक मैरीकॉम को सौंपा गया। इसके अलावा अकादमी के आवासीय ब्लॉक में आंशिक योगदान के तौर पर 8 लाख रुपए का चेक मैरीकॉम के पति तथा अकादमी के सहसंस्थापक के. ओंखलर कॉम को दिया गया। (वार्ता)
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