Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

राष्ट्रमंडल खेलों से पदक दिलाने वाले खेलों को बाहर किए जाने से भारतीय खेल समुदाय स्तब्ध

राष्ट्रमंडल खेलों से पदक दिलाने वाले खेलों को बाहर किए जाने से भारतीय खेल समुदाय स्तब्ध

WD Sports Desk

, मंगलवार, 22 अक्टूबर 2024 (17:39 IST)
भारत के प्रमुख खिलाड़ी और खेल प्रशासक हॉकी, निशानेबाजी, क्रिकेट, बैडमिंटन और कुश्ती को ग्लासगो में 2026 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों के कार्यक्रम से बाहर किए जाने के कारण देश की पदक संभावनाओं को झटका लगने से स्तब्ध हैं और असहाय महसूस कर रहे हैं।

अनुमानित लागत में वृद्धि के कारण ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया राज्य के मेजबानी से हटने के बाद स्कॉटलैंड की राजधानी में इन खेलों का आयोजन सुनिश्चित किया गया। इन खेलों में केवल 10 खेल शामिल किए गए हैं।

टेबल टेनिस, स्क्वाश और तीरंदाजी भी उन खेलों ने शामिल हैं जिन्हें कार्यक्रम से हटाया गया है। लागत कम करने और संचालन संबंधी जोखिमों से बचने के लिए इन खेलों का आयोजन केवल चार स्थलों पर किया जाएगा। भारतीय खेल समुदाय हालांकि राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) के इस फैसले से हैरान है।

राष्ट्रमंडल खेलों में पिछले दो दशक में कई पदक जीतने वाले टेबल टेनिस के दिग्गज खिलाड़ी शरत कमल ने कहा,‘‘यह बेहद अफसोसनाक है कि टेबल टेनिस को राष्ट्रमंडल खेलों के कार्यक्रम से हटा दिया गया है। दुर्भाग्य से यह उन 10 खेल का हिस्सा नहीं है जिन्हें कार्यक्रम में शामिल किया गया है। यह उन सभी खेलों के लिए करारा झटका है जिन्हें हटाया गया है, विशेष कर टेबल टेनिस के लिए जिसमें हमने कई स्वर्ण पदक जीते हैं ।’’
webdunia

शरत के साथी जी साथियान ने कहा, ‘‘यह निराशाजनक है। टेबल टेनिस जैसे मुख्यधारा के खेल को बाहर देखना आश्चर्यजनक है। भारतीय टेबल टेनिस बिरादरी के लिए यह बहुत बड़ा झटका है।’’

देश की बेहतरीन स्क्वाश खिलाड़ियों में से एक दीपिका पल्लीकल से जब प्रतिक्रिया के लिए संपर्क किया गया तो उन्होंने निराशा व्यक्त की।

दीपिका ने कहा,‘‘जब भी ऐसा लगता है कि हम खेल के लिए कुछ कदम आगे बढ़ रहे हैं, तो हम अचानक दो कदम पीछे हट जाते हैं। निश्चित तौर पर यह बहुत बड़ा झटका है कि हमारे खेत को राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल नहीं किया गया है।’’

भारत ने 2022 में बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में 16 खेलों में 210 खिलाड़ी उतारे थे। इन खेलों में उसने 61 पदक जीते थे जिनमें 30 पदक उन खेलों में हासिल किए थे जिन्हें अगले राष्ट्रमंडल खेलों के कार्यक्रम से हटा दिया गया है।
webdunia

हॉकी इंडिया के महासचिव भोला नाथ सिंह ने कहा,‘‘उन अधिकतर खेलों को हटा दिया गया है जिनमें भारत पदक जीतता रहा है। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को इस मामले को उठाना चाहिए। अपनी तरफ से हमने एफआईएच (अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ) के सामने अपनी शिकायतें रखी हैं और वे इस मामले को सीजीएफ के साथ उठा रहे हैं।’’

भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा, ‘‘यह निश्चित रूप से बहुत निराशाजनक है। राष्ट्रमंडल खेलों में भारत ने कुश्ती में अच्छा प्रदर्शन किया है। यह निश्चित रूप से भारतीय कुश्ती समुदाय को नुकसान पहुंचाने वाला है। हमने खेल को कार्यक्रम में बनाए रखने के लिए सीजीएफ को समझाने की पूरी कोशिश की थी। ’’

भारतीय बैडमिंटन संघ के महासचिव संजय मिश्रा ने कहा,‘‘यह चौंकाने वाला फैसला है और भारतीय खेलों के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि जिन खेलों को हटाया गया है उनमें हम 40 पदक जीत सकते थे। यह सिर्फ खेल और खिलाड़ियों का ही नुकसान नहीं है। यह भारत की बढ़ती खेल क्षमता को दरकिनार करने की साजिश लगती है।’’

भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) के प्रमुख कलिकेश सिंह देव ने कहा,‘यह एक बहुत ही अलग राष्ट्रमंडल खेल होगा जिसमें कई ऐसे लोकप्रिय खेल नहीं होंगे जो कि ओलंपिक खेलों का अभिन्न अंग हैं। यह बेहद कमजोर खेल साबित होंगे।’’

उन्होंने कहा,‘‘हम केवल उन लोगों को शुभकामनाएं दे सकते हैं जो इन खेलों में भाग लेंगे। भारत सरकार, खेल मंत्रालय और आईओए ने उन खेलों को शामिल करने के लिए हर संभव प्रयास किया जिनमें भारत पारंपरिक रूप से मजबूत है।’’ (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

साक्षी मलिक के आरोपों को नकारा विनेश फोगाट ने, वीडियो हुआ वायरल