जकार्ता। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से शनिवार को सम्मान की जंग 2-1 से जीतते हुए 18वें एशियाई खेलों में कांस्य पदक अपने नाम कर लिया।
गत चैंपियन भारत को सेमीफाइनल में मलेशिया के हाथों सडन डैथ में 6-7 की सनसनीखेज पराजय का सामना करना पड़ा था जिसके बाद उसका कांस्य पदक के लिए पाकिस्तान से मुकाबला हुआ। भारतीय टीम ने पाकिस्तान से कांस्य की जंग जीतकर अपना कुछ सम्मान बचा लिया। इससे पहले शुक्रवार को भारतीय महिला टीम ने रजत हासिल किया था।
भारतीय पुरुष टीम की इस मुकाबले में प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई थी। भारत और पाकिस्तान ने पिछले इंचियोन एशियाई खेलों के बाद एक-दूसरे के खिलाफ यह 16वां मैच खेला जिसमें भारत ने10वीं जीत अपने नाम की। पाकिस्तान को इस हार के बाद चौथे स्थान से संतोष करना पड़ा।
भारत ने कांस्य पदक तो जीत लिया लेकिन अपना स्वर्ण पदक गंवाना टीम के कोच हरेंद्र सिंह के लिए भारी पड़ा है और हॉकी इंडिया ने उन पर ओडिशा में नवंबर-दिसंबर में होने वाले विश्व कप में अच्छे प्रदर्शन की तलवार लटका दी है।
दोनों टीमों के बीच मुकाबला काफी तेज गति से खेला गया और आखिरी सेकंड तक भारतीय समर्थकों की सांसें थमी रहीं। भारत ने मुकाबले के तीसरे मिनट में ही बढ़त बना ली, जब आकाशदीप सिंह ने शानदार मैदानी गोल से भारत को आगे कर दिया। पहले क्वार्टर तक यही स्थिति बनी रही और दूसरे क्वार्टर में भी भारतीय टीम अपनी बढ़त को दोगुना नहीं कर सकी।
भारत को पेनल्टी कॉर्नर नहीं मिल रहे थे और उसकी हताशा भी दिखाई दे रही थी कि बढ़त को कैसे मजबूत किया जाए। आखिर 50वें मिनट में भारत को पेनल्टी कॉर्नर मिला और हरमनप्रीत ने सटीक निशाना लगाते हुए स्कोर 2-0 कर दिया। इस गोल ने भारत को काफी राहत दी लेकिन 52वें मिनट में मोहम्मद आतिक ने पाकिस्तान का पहला गोल कर भारतीय रक्षापंक्ति को सकते में ला दिया।
भारत ने शेष 8 मिनट में अपना तमाम कौशल दांव पर लगाते हुए इस बढ़त का बचाव किया और अंतिम हूटर बजने के साथ ही खिलाड़ियों ने इस पदक के मिलने की खुशी में एक-दूसरे को बधाई दी। भारत का एशियाई खेलों में यह 69वां पदक था। (वार्ता)
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