नई दिल्ली। भारत के हॉकी खिलाड़ियों के लिए ट्रेनिंग नहीं होना निश्चित रूप से चिंता का विषय है लेकिन उन्हें घर की कमी महसूस हो रही है और यह बात उन्होंने गुरुवार को खेल मंत्री किरेन रीजीजू को ऑनलाइन बातचीत में बताई जबकि सीमित अभ्यास शुरू करने का भी अनुरोध किया।
भारतीय पुरुष और महिला हॉकी टीमों ने मंत्री को बताया कि अगले साल ओलंपिक की तैयारियों के तहत जल्द से जल्द छोटे छोटे समूह में मैदानी ट्रेनिंग करने से वे अन्य शीर्ष देशों पर दबदबा बना सकते हैं। एक सूत्र ने कहा, ‘खिलाड़ियों ने कहा कि वे घर की कमी महसूस कर रहे हैं लेकिन वे बखूबी समझते हैं कि वे यहां सुरक्षित हैं। वे बेकार के विचारों को हटाने के लिए ट्रेनिंग शुरू करना चाहते हैं।’
भारतीय पुरुष और महिला हॉकी टीमें कोरोना वायरस के कारण 25 मार्च से लगे लॉकडाउन के शुरू से ही बेंग्लुरु के भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) केंद्र में हैं। इस ऑनलाइन बैठक में खेल मंत्रालय और साइ अधिकारियों ने भी शिरकत की, जिसमें खिलाड़ियों और कोचों ने चार से पांच खिलाड़ियों के ग्रुप में जल्द ट्रेनिंग शुरू करने का अनुरोध किया।
भारतीय हॉकी टीम प्रबंधन के एक सदस्य ने बैठक के दौरान रीजीजू से कहा, ‘दुनिया की शीर्ष 12 टीमों में से केवल नीदरलैंड और बेल्जियम ने ही ट्रेनिंग शुरू की है। हमने करीब दो महीने गंवा दिए हैं लेकिन अगर हम जल्द से जल्द ट्रेनिंग शुरू कर सकते हैं तो हम अच्छी स्थिति में होंगे।’
उन्होंने कहा, ‘हमने अभी कुछ गंवाया नहीं है लेकिन अब समय ट्रेनिंग शुरू करने का है।’ सदस्य ने कहा, ‘ट्रेनिंग चार से पांच सदस्यों के समूह में शुरू हो सकती है जिसमें सामाजिक दूरी का ध्यान रखा जाएगा। ट्रेनिंग पर ध्यान बेसिक और व्यक्तिगत कौशल के अलावा पेनल्टी कार्नर ड्रिल का अभ्यास करना होगा।’
सूत्रों के अनुसार खेल मंत्री ने 34 पुरुष और 24 महिला खिलाड़ियों की बैठक में शांति से उन्हें सुना और फीडबैक लिया। इनके अलावा पुरुष और महिला हॉकी टीमों के मुख्य कोच ग्राहम रीड और शोर्ड मारिने तथा हाई परफोरमेंस निदेशक डेविड जॉन भी मौजूद थे। हॉकी इंडिया और साइ के शीर्ष अधिकारी तथा नए खेल सचिव रवि मित्तल भी इस बैठक में मौजूद थे। (भाषा)