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अनुभवी स्टार हॉकी खिलाड़ी वंदना कटारिया की युवा खिलाड़ियों के लिए पेशकश

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गुरुवार, 7 मई 2020 (18:30 IST)
बेंगलुरु। भारतीय महिला हॉकी टीम की अनुभवी स्ट्राइकर वंदना कटारिया ने पेशकश की है कि उनका अनुभव टीम में शामिल युवा खिलाड़ियों के काम आ सकता है। 2007 में सीनियर टीम में पदार्पण करने वाली वंदना अपने अनुभव से युवा खिलाड़ियों की मदद करती हैं। वंदना एक मेंटर के रुप में भी इन खिलाड़ियों की मदद करती हैं।
 
वंदना ने कहा, अपने अनुभव से मैं टीम में शामिल कई युवा खिलाड़ियों के काम आ सकती हूं, विशेषकर मिडफील्ड और फॉरवर्ड लाइन में। मैं वाकई मेंटर के काम का आनंद लेती हूं। मुझे पता है कि मेरा अनुभव युवा खिलाड़ियों की मदद कर सकता है और मैं मैदान पर विभिन्न हालातों में इन खिलाड़ियों से चर्चा करती हूं।
 
उन्होंने कहा, यह ऐसा नहीं है कि मैं उन्हें जिस तरह खेलने के लिए बोलूं वो वैसा ही खेलें लेकिन मेरी कोशिश रहती है कि वह अपने लक्ष्य को समझें और कोई भी फैसला लेने से पहले उस पर विचार करें।
 
28 वर्षीय वंदना ने कहा, जब मैंने 15 साल की उम्र में खेलना शुरु किया तो मैं बहुत निडर होकर खेलती थी। मेरी कोशिश रहती थी कि मैं अपने कौशल का इस्तेमाल करूं और गोल करूं। लेकिन समय के साथ-साथ मुझे एहसास हुआ कि मैं ऐसे नहीं खेल सकती। विशेषकर तब जब खेल इतना विकसित हो गया है। हालांकि मेरा खेल भी विकसित हुआ है और मैं भारत तथा टीम के खिलाड़ियों के लिए खेलने में आनंद महसूस करती हूं।
 
वंदना ने कहा, कभी-कभी जब आप मैदान में हो तो हमेशा गोल करना ही सही नहीं होता। आपको यह फैसला लेने के लिए थोड़े समय की जरुरत पड़ती है और कभी साथी खिलाड़ी को गेंद पास करना या पेनल्टी कार्नर जीतना एक बेहतर विकल्प हो सकता है।2013 जूनियर महिला विश्वकप की कांस्य पदक विजेता टीम की सदस्य रही वंदना ने कहा कि टीम अपने विरोधियों की तुलना में ज्यादा मेहनत करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
 
उन्होंने कहा, जाहिर है कि टीम में शामिल सभी खिलाड़ी चाहते हैं कि हम मैदान पर हॉकी खेलें। लेकिन इस वक्त हमें अपनी अन्य पहलुओं में सुधार लाने का मौका मिला है जिससे हमारी टीम आने वाले समय में अधिक सफलता हासिल कर सकती है।

वंदना ने कहा, हम फिलहाल मैदान पर नहीं जा सकते लेकिन हमारा मन हमेशा वहीं रहता है। हम कोशिश कर रहे हैं कि खुद को ज्यादा से ज्यादा फिट रख सकें ताकि जब भी खेल शुरु हो हम अपने विपक्षी टीम के मुकाबले ज्यादा मजबूत रहें।

लॉकडाउन के दौरान खुद को सकारात्मक रखने पर वंदना ने कहा, हमारे कोच शुअर्ड मरिने सकारात्मक रहने के बारे में काफी मुखर रही है और इससे हमें कई चीजें समझ में आई हैं। हमें लगता है कि हम उस स्थिति में है जहां दूसरों की मदद कर सकते हैं और हमने फंड इकट्ठा कर ऐसा किया भी है।
 
उन्होंने कहा, फंड जुटाने के पहल में हमें जिस तरह लोगों का समर्थन मिला, वो वाकई बेहतरीन था और हम सभी को इस बात की खुशी है कि हम 1000 जरुरतमंद परिवारों की मदद कर सके। मुझे उम्मीद है कि स्थिति जल्द ही सुधरेगी।

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