साओ पाउलो:महान फुटबॉल खिलाड़ी पेले अब भी आईसीयू में हैं जिनकी पेट के ट्यूमर (गांठ) को निकालने के लिये सर्जरी की गयी थी।
साओ पाउलो में अलबर्ट आइंस्टीन अस्पताल ने एक बयान में कहा कि 80 वर्षीय एडसन अरांतेस डो नासिमेंटो (पेले) सर्जरी के बाद अच्छी तरह उबर रहे हैं, हालांकि उन्हें अब भी आईसीयू में ही रखा हुआ है।
अस्पताल ने कहा कि पेले बातचीत कर रहे हैं और उनका रक्तचाप और अन्य चीजें सामान्य हैं।ब्राजील के तीन बार के विश्व चैम्पियन ने अपने इंस्टाग्राम में यह भी कहा कि हर दिन मैं थोड़ा बेहतर महसूस कर रहा हूं।
वह अगस्त में नियमित जांच के लिये अस्पताल गए थे जब इस कोलोन ट्यूमर (पेट के दाहिने हिस्से में बनी गांठ) का पता चला।
तीन विश्व कप जीतने वाले एकमात्र पुरूष खिलाड़ी पेले के कूल्हे का 2012 में प्रत्यारोपण किया गया था जिसके बाद से उन्हें चलने फिरने में दिक्कत है। वह वॉकर या व्हीलचेयर की सहायता लेते हैं। हाल ही में उन्हें किडनी से जुड़ी समस्यायें भी आई थी।
इससे पहले साल 2019 में पेले को मूत्राशय में संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उनकी गुर्दे में पथरी की सफल सर्जरी के बाद 6 दिन असप्ताल में भर्ती होने के बाद उनको छुट्टी मिली थी।
पेले के लाजवाब टैलेंट ने खेल को दिया नया रूप
फुटबॉल की दुनिया में पेले ने जब कदम रखा तो इस खेल को एक नया ही रूप मिला। इस लाजवाब टैलेंट की दस्तक से ब्राजील की टीम उभरकर सामने आई। 1958 में जब पहली बार ब्राजील चैंपियन बना तो उसमें इस महान सितारे की अहम भूमिका थी। सेमीफाइनल में पेले ने हैट्रिक गोल दागे और उसके बाद फाइनल में 2 गोल दागे। चोट की वजह से वे 1962 वर्ल्ड कप नहीं खेल पाए।
1966 में भी विरोधी टीमों ने उन पर जबर्दस्त हमले किए और उन्हें घायल कर दिया। उसके बावजूद 1970 में ब्राजील एक बार फिर चैंपियन बना। 1969 में पेले ने 1000वां गोल किया, जब वे अपना 909वां प्रथम श्रेणी मैच खेल रहे थे। पेले के नेतृत्व में ब्राजील ने फुटबॉल में कई उल्लेखनीय सफताएं प्राप्त कीं। उन्होंने अपने जीवन में 1363 मैच खेले और 1281 गोल किए। 'काले हीरे' के नाम से विख्यात पेले विश्व के सबसे चहेते खिलाड़ी माने जाते हैं।