ओलंपिक चैम्पियन नीरज चोपड़ा ने यहां विश्व चैम्पियनशिप भालाफेंक स्पर्धा में शुक्रवार को पहले ही प्रयास में 88.77 मीटर का थ्रो फेंककर फाइनल में प्रवेश किया और इसके साथ ही पेरिस ओलंपिक 2024 के लिये भी क्वालीफाई कर लिया।
चोपड़ा के साथ ही भारत के डी पी मनु (81.31 मीटर) और किशोर जेना (80.55 मीटर) ने भी फाइनल में जगह बना ली। विश्व चैम्पियनशिप में पहली बार किसी स्पर्धा के फाइनल में तीन भारतीय खिलाड़ी नजर आयेंगे।
तोक्यो ओलंपिक चैम्पियन चोपड़ा ने कैरियर का चौथा सर्वश्रेष्ठ थ्रो फेंका । वह क्वालीफिकेशन दौर में ग्रुप ए में थे । पेरिस ओलंपिक का क्वालीफाइंग मानक 85 . 50 मीटर था। क्वालीफाइंग विंडो एक जुलाई से खुली है।चोपड़ा ने पहले ही प्रयास में क्वालीफाई करने के बाद आगे कोई थ्रो नहीं फेंका।
चोपड़ा का सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत थ्रो 89 . 94 मीटर है जो उन्होंने 30 जून 2022 को स्टॉकहोम डायमंड लीग में फेंका था । उन्होंने अमेरिका के यूजीन में 2022 विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता था।भारत के डी पी मनु 81 . 31 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो फेंककर ग्रुप में तीसरे और कुल छठे स्थान स्थान पर रहे। उन्होंने जुलाई में एशियाई चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता था।
जेना ग्रुप बी में पांचवें और कुल नौवें स्थान पर रहे । पहली बार विश्व चैम्पियनशिप खेल रहे जेना का वीजा पहले दिल्ली में हंगरी के दूतावास ने खारिज कर दिया था लेकिन अगले दिन उन्हें वीजा मिल गया।भारतीय टीम के साथ गए एक कोच ने कहा , पहली बार विश्व चैम्पियनशिप में तीन भारतीयों ने एक स्पर्धा के फाइनल में जगह बनाई है। भारतीय भालाफेंक के लिये यह ऐतिहासिक दिन है।
भारत ने पहली बार 1983 में विश्व चैम्पियनशिप में भाग लिया था।क्वालीफाइंग दौर में प्रत्येक प्रतियोगी को तीन मौके मिलते हैं। पाकिस्तान के अरशद नदीम 86 . 79 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो फेंककर दूसरे स्थान पर रहे। उन्होंने भी पेरिस ओलंपिक के लिये क्वालीफाई कर लिया। जर्मनी के जूलियन वेबर 82 . 39 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो फेंककर दूसरे और कुल चौथे स्थान पर रहे।
गत चैम्पियन ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स 78 . 49 मीटर का थ्रो फेंककर ग्रुप ए में सातवें और कुल 16वें स्थान पर रहे।चोपड़ा ने अभी तक विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण नहीं जीता है। क्वालीफाइंग दौर के प्रदर्शन को देखते हुए इस बार इसकी प्रबल संभावना दिख रही है।
चोपड़ा के प्रदर्शन ने तोक्यो ओलंपिक 2021 के उनके प्रदर्शन की याद दिला दी । उस समय भी उन्हें फाइनल के लिये क्वालीफाई करने के लिये एक ही थ्रो लगा था। उन्होंने तब 86 . 65 मीटर का थ्रो फेंका था। उस समय स्वत: क्वालीफाई करने का मार्क 83 . 50 मीटर था। बाद में उन्होंने 87 . 58 मीटर का थ्रो फेंककर स्वर्ण पदक जीता। (भाषा)