नई दिल्ली। भारत की ज़मीन पर पहली बार आयोजित हो रहे फीफा अंडर-17 फुटबॉल विश्वकप के लिए 21 सदस्यीय भारतीय टीम की घोषणा कर दी गई है जिसमें अकेले मणिपुर से आठ खिलाड़ी और दो एनआरआई खिलाड़ी शामिल हैं।
फीफा विश्वकप का आयोजन देश में पहली बार हो रहा है, जिसकी शुरुआत छह अक्टूबर से होगी। मेज़बान भारतीय टीम को टूर्नामेंट के ग्रुप 'ए' में शामिल किया गया है, जहां उसके साथ अमेरिका, कोलंबिया, घाना की टीमें हैं।
भारत छह अक्टूबर को अपना पहला मुकाबला अमेरिका से जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में खेलेगा। उसके बाद वह नौ और 12 अक्टूबर को नेहरू स्टेडियम में ही कोलंबिया और घाना के खिलाफ मैच खेलने उतरेगा।
भारत की अंडर-17 टीम के कोच लुईस नार्टन डी मातोस ने कहा 'हमारा मानना है कि हम अंडर-17 टूर्नामेंट के लिए तैयार हैं। हमने काफी मेहनत की है और खेल में सुधार किया है। लेकिन साथ ही हम दुनिया की बेहतरीन टीमों के साथ उच्च स्तरीय प्रतिस्पर्धा करने के लिए भी तैयार हैं।'
उन्होंने कहा 'हम हर मैच जीतने की कोशिश करेंगे चाहे जीतने की उम्मीद पांच फीसदी ही क्यों न हो। हम हार नहीं मानेंगे और फुटबॉल में कुछ भी असंभव नहीं होता है। हम दुनिया को दिखाना चाहते हैं कि हम उन्हीं की तरह मजबूत हैं।'
फीफा टूर्नामेंट में अपनी सबसे मजबूत टीम उतारने के उद्देश्य से अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने अंडर-17 खिलाड़ियों को कई विदेशी दौरों पर भेजा जहां उन्होंने मेसेडोनिया, सर्बिया और बेनेफिका जैसी टीमों के साथ मुकाबले खेले। भारतीय टीम ने मैक्सिको में चार राष्ट्रों के टूर्नामेंट में भी हिस्सा लिया जहां उन्होंने मैक्सिको और कोलंबिया की टीम से मैच हारे लेकिन चिली से 1-1 से ड्रा खेलकर सभी को चौंका दिया। (वार्ता)