Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

Solar eclipse 2024: होली पर चंद्र ग्रहण समाप्त, जानें खग्रास सूर्य ग्रहण कब लगेगा, भारत में दिखेगा या नहीं?

SolarEclipse

WD Feature Desk

, मंगलवार, 26 मार्च 2024 (11:24 IST)
khagras surya grahan 2024: 25 मार्च 2024 होली पर चंद्र ग्रहण की समाप्ति के बाद अब होने वाला है सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण इसे खग्रास सूर्यग्रहण कहा जा रहा है। यह सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल 2024 को लगेगा। दूसरा सोलर एक्लिप्स 18 सितंबर को और तीसरा 2 अक्टूबर 2024 को लगेगा। आओ जानते हैं कि यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा या नहीं।
खग्रास सूर्य ग्रहण 2024- khagras surya grahan 2024:- 
दिनांक : 8 अप्रैल 2024 सोमवार को रहेगा खग्रास सूर्य ग्रहण। 
समय : भारतीय समय के अनुसार रात 09:12 मिनट पर शुरू होगा और मध्यरात्रि में 01:25 बजे समाप्त होगा।
सूर्य ग्रहण की अवधि : सूर्य ग्रहण की कुल अवधि:  4 घंटे 25 मिनट रहेगी।
ग्रहण-नक्षत्र : यह ग्रहण मीन राशि और रेवती नक्षत्र में लगेगा।
भारत में दिखेगा या नहीं : यह ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा।
ALSO READ: 15 दिनों के अंदर ही होगा चंद्र और सूर्य ग्रहण का संयोग, इन 4 राशियों को मिलेगा लाभ
छा जाएगा अंधेरा : ग्रहण के दौरान एक ऐसा समय होगा जबकि साढ़े 7 मिनट के लिए पूरा अंधेरा छा जाएगा। सूर्य ग्रहण की इतनी लम्बी अवधि 50 सालों बाद लगने जा रही है।
 
कहां दिखाई देगा सूर्यग्रहण : यह सूर्य ग्रहण उत्तरी अमेरिका (अलास्का को छोड़कर), कनाडा, मध्य अमेरिका, दक्षिण अमेरिका के उत्तरी भागों में, आर्कटिक, मेक्सिको, पश्चिमी यूरोप, पेसिफिक, अटलांटिक, इंग्लैंड के उत्तर पश्चिम क्षेत्र में, आयरलैंड में दिखाई देगा। यह ग्रहण खासकर अमेरिका में ज्यादा दृश्यमान होगा।
webdunia
khagras surya grahan
सूतक काल : इस सूर्य ग्रहण का सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा, क्योंकि यह भारत में नजर नहीं आएगा, लेकिन जहां दिखाई देगा वहां सूतक काल मान्य होगा। सूर्य ग्रहण के 12 घंटे पूर्व ही सूतक काल प्रारंभ हो जाता है। अमेरिका में इस सूर्य ग्रहण का सूतक 8 मार्च की रात 2 बजकर 25 मिनट से मान्य हो जाएगा।
क्या होता है खग्रास सूर्य ग्रहण : इसे पूर्ण सूर्य ग्रहण (Full Solar Eclipse) कहते हैं। चंद्रमा जब सूर्य को पूर्ण रूप से ढक लेता है तो ऐसे में चमकते सूरज की जगह एक काली तश्तरी-सी दिखाई है। इसमें सबसे खूबसूरत दिखती है 'डायमंड रिंग।' चंद्र के सूर्य को पूरी तरह से ढकने से जरा पहले और चांद के पीछे से निकलने के फौरन बाद काली तश्तरी के पीछे जरा-सा चमकता सूरज हीरे की अंगूठी जैसा दिखाई देता है। संपूर्ण हिस्से को ढकने की स्थिति खग्रास ग्रहण कहलाती है।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

Chaitra month 2024 | हिंदू कैलेंडर का पहला माह चैत्र मास शुरू, जानें महत्व