उज्जैन। शंकराचार्य जयंती के विशेष पर्व पर क्षिप्रा के विभिन्न घाटों में श्रद्धालुओं ने बुधवार को आस्था की डुबकी लगाई। क्षिप्रा के विभिन्न घाटों का विहंगम दृश्य एवं महाकाल की नगरी का सतरंगी एवं मनोहारी नजारा श्रद्धालुओं को लुभा रहा है।
रामघाट, दत्त अखाड़ा, काल भैरव, मंगलनाथ, हरसिद्धि माता, भूखी माता, महाकाल मंदिर के साथ विभिन्न साधु-संतों के अखाड़ों में अमृतवाणी सुनने बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। सिंहस्थ में बुधवार को शंकराचार्य जयंती पर्व पर किन्नर भी पेशवाई के रूप में क्षिप्रा नदी के गंधर्व घाट पर पहुंचे, जहां स्नान कर श्रद्धा भाव से नाचते-थिरकते रहे। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भी उनके भक्ति भाव का आनंद उठाया।
शाह ने भी लगाई डुबकी : समरसता स्नान कार्यक्रम के तहत शाह एक माह तक चलने वाले हिन्दुओं के धार्मिक मेले सिंहस्थ कुंभ में शामिल होने आज इन्दौर से यहां पहुंचे और क्षिप्रा नदी के वाल्मीकि घाट पर दलित साधुओं सहित अन्य साधुओं के साथ स्नान किया। इसके बाद शाह ने दलित साधुओं सहित अन्य साधुओं के साथ समरसता भोज कार्यक्रम के तहत भोजन भी ग्रहण किया।
क्षिप्रा में स्नान करने के पहले भाजपा प्रमुख शाह, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और अन्य नेता वाल्मीकि धाम में आयोजित ‘संत समागम’ में शामिल हुए। संत समागम में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रमुख महंत नरेन्द्र गिरी, जूना अखाड़ा पीठ के महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी और वाल्मीकि धाम के पीठाधीश्वर उमेश नाथ और अन्य साधु-संत भी मौजूद थे। इसके बाद सभी ने वाल्मीकि घाट पर स्नान किया।
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने भाजपा के सामाजिक समरसता स्नान कार्यक्रम के तहत आज यहां क्षिप्रा नदी के वाल्मीकि घाट पर दलित साधुओं सहित अन्य साधुओं के साथ पवित्र स्नान किया। (वार्ता/ वेबदुनिया समाचार)