Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

सिखों के 7वें गुरु, गुरु हर राय जी की पुण्यतिथि, जानें 5 खास बातें

WD Feature Desk
शुक्रवार, 25 अक्टूबर 2024 (09:58 IST)
ALSO READ: कार्तिक मास के व्रत एवं त्योहारों की लिस्ट

1. Guru Har Rai : सिख धर्म के सातवें गुरु तथा आध्यात्मिक एवं राष्ट्रवादी संत गुरु हर राय जी का जन्म नानकशाही कैलेंडर के अनुसार सन् 1630 में हुआ था और तिथिनुसार उनका जन्म माघ शुक्ल त्रयोदशी के दिन कीरतपुर (पंजाब) में हुआ था। वर्ष 2024 में आज, 25 अक्टूबर को गुरु हर राय का ज्योति ज्योत दिवस या पुण्यतिथि मनाई जा रही है। यहां जानते हैं उनका जीवन परिचय और खास जानकारी...
 
2. उनके दादा का नाम गुरु हर गोविंद जी सिंह तथा पिता का नाम गुरु बाबा गुरु दित्ता एवं माता निहाल कौर थीं। जब सिखों के छठवें गुरु हर गोविंद सिंह जी को इस बात का एहसास हो गया कि अपना अंतिम समय निकट आने वाला है, तो उन्होंने अपने पौत्र को यानी अपने पोते हर राय जी को सातवें गुरु यानि 'सप्तम्‌ नानक' के रूप में घोषित किया और गद्दी सौंप दी। उस समय गुरु हर गोविंद सिंह जी की उम्र मात्र 14 वर्ष की थी।
 
3. गुरु हर राय जी का विवाह किशन कौर जी के साथ हुआ था और राम राय और हरकिशन सिंह जी (गुरु) ये उनके दो पुत्र थे। वे अपने व्यक्तिगत जीवन में सिख योद्धाओं को उनकी बहादुरी पर पुरस्कार देकर सम्मानित भी करते थे। 
 
4. उनके जीवन के एक किस्से के अनुसार एक बार मुगल शासक औरंगजेब के भाई दारा शिकोह किसी अनजान बीमारी से ग्रस्त हुआ, तब गुरु हर राय जी ने उनकी मदद करके उसे मौत के मुंह से बचा लिया था। उन्होंने कई जगहों पर धार्मिक केंद्रों की स्थापना की तथा कीरतपुर में आयुर्वेदिक चिकित्सा एवं अनुसंधान केंद्र की स्थापना भी की थी। तथा इस अनुसंधान केंद्र में दुर्लभ जड़ी-बूटी की औषधियां मिलती थीं, जहां उन्होंने उच्च कोटि के वैद्य भी रखे हुए थे, जो आयुर्वेदिक चिकित्सा के क्षेत्र में पारंगत थे, वे लोगों के रोग तथा दुख दूर किया करते थे। 
 
5. सिख धर्म के अनुसार गुरु हर राय जी बेहद शांत स्वभाव के थे और उनका व्यक्तित्व लोगों को प्रभावित कर देता था। एक राजनीतिज्ञ तथा महान योद्धा के रूप में पहचाने जाने वाले गुरु हर राय जी महान आध्यात्मिक तथा राष्ट्रवादी महापुरुष होने के साथ ही एक कुशल योद्धा भी थे। सन् 1661 ई. में कार्तिक वदी नवमी तिथि को गुरु हर राय जी का निधन कीरतपुर साहिब में हुआ है। अत: उनकी पुण्यतिथि को ज्योति ज्योत दिवस के रूप में मनाया जाता है। और अपने सबसे छोटे पुत्र हरि किशन जी को ‘अष्टम नानक’ के रूप में गद्दी सौंप थीं। 

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

पढ़ाई में सफलता के दरवाजे खोल देगा ये रत्न, पहनने से पहले जानें ये जरूरी नियम

Yearly Horoscope 2025: नए वर्ष 2025 की सबसे शक्तिशाली राशि कौन सी है?

Astrology 2025: वर्ष 2025 में इन 4 राशियों का सितारा रहेगा बुलंदी पर, जानिए अचूक उपाय

बुध वृश्चिक में वक्री: 3 राशियों के बिगड़ जाएंगे आर्थिक हालात, नुकसान से बचकर रहें

ज्योतिष की नजर में क्यों है 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

सभी देखें

धर्म संसार

25 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

25 नवंबर 2024, सोमवार के शुभ मुहूर्त

Weekly Horoscope: साप्ताहिक राशिफल 25 नवंबर से 1 दिसंबर 2024, जानें इस बार क्या है खास

Saptahik Panchang : नवंबर 2024 के अंतिम सप्ताह के शुभ मुहूर्त, जानें 25-01 दिसंबर 2024 तक

Aaj Ka Rashifal: 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा आज का दिन, पढ़ें 24 नवंबर का राशिफल

આગળનો લેખ
Show comments