How many Belpatra are offered on Shivling : 4 जुलाई से 31 अगस्त 2023 तक चलेगा सावन का महीना। सावन मास में श्रावण सोमवार पर शिवलिंग पर बिल्वपत्र अर्पित करके का खास महत्व माना गया है। इसे बेलपत्र भी कहते हैं। कई लोगों के मन में यह सवाल होगा कि शिवलिंग पर कितने बेलपत्र चढ़ाना चाहिए। आओ जानते हैं इस संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी।
बिल्व पत्र अर्पित करने का महत्व:-
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भगवान के तीन नेत्रों का प्रतीक है बिल्वपत्र।
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अत: तीन पत्तियों वाला बिल्वपत्र शिव जी को अत्यंत प्रिय है।
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प्रभु आशुतोष के पूजन में अभिषेक व बिल्वपत्र का प्रथम स्थान है।
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ऋषियों ने कहा है कि बिल्वपत्र भोले-भंडारी को चढ़ाना एवं 1 करोड़ कन्याओं के कन्यादान का फल एक समान है।
शिवलिंग पर कितने बेलपत्र चढ़ाए जाते हैं?
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बिल्व अथव बेल पत्र में तीन अखंडित पत्र होना चाहिए।
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सबसे पहले बेलपत्र को साफ पानी से अच्छे से धो लें।
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मान्यताओं के अनुसार शिवलिंग पर 3 से 11 बेलपत्र चढ़ाना शुभ होता है।
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हम अपनी श्रद्धा के अनुसार उस पर तिलक लगा सकते हैं या पत्र पर 'ॐ' या फिर 'ओम नमः शिवाय' भी लिख सकते हैं।
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फिर बेलपत्र की चिकनी सतह को शिवलिंग से स्पर्श कराकर चढ़ाना चाहिए। इस दौरान ऊँ नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।