Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

आप नहीं जानते होंगे बिल्‍वपत्र की यह पवित्र कथा, श्रावण में जरूर पढ़ें

आप नहीं जानते होंगे बिल्‍वपत्र की यह पवित्र कथा, श्रावण में जरूर पढ़ें
श्रावण मास में सबसे ज्यादा बेलप‍त्र यानी बिल्वपत्र का महत्व बढ़ जाता है। क्या आप जानते हैं बेलपत्र के उत्पन्न होने की पवित्र कथा... पढ़ें यहां विस्तार से... 
 
बेलपत्र की कहानी :-
 
स्कंद पुराण के अनुसार, एक बार माता पार्वती के पसीने की बूंद मंदराचल पर्वत पर गिर गई और उससे बेल का पेड़ निकल आया। चूंकि माता पार्वती के पसीने से बेल के पेड़ का उद्भव हुआ। अत: इसमें माता पार्वती के सभी रूप बसते हैं।


वे पेड़ की जड़ में गिरिजा के स्वरूप में, इसके तनों में माहेश्वरी के स्वरूप में और शाखाओं में दक्षिणायनी व पत्तियों में पार्वती के रूप में रहती हैं।
 
 
फलों में कात्यायनी स्वरूप व फूलों में गौरी स्वरूप निवास करता है। इस सभी रूपों के अलावा, मां लक्ष्मी का रूप समस्त वृक्ष में निवास करता है। बेलपत्र में माता पार्वती का प्रतिबिंब होने के कारण इसे भगवान शिव पर चढ़ाया जाता है। 
 
भगवान शिव पर बेल पत्र चढ़ाने से वे प्रसन्न होते हैं और भक्त की मनोकामना पूर्ण करते हैं। 
 
जो व्यक्ति किसी तीर्थस्थान पर नहीं जा सकता है अगर वह श्रावण मास में बिल्व के पेड़ के मूल भाग की पूजा करके उसमें जल अर्पित करे तो उसे सभी तीर्थों के दर्शन का पुण्य मिलता है।

webdunia
 

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

श्रावण मास में भगवान शिव के इन 5 तीर्थों का दर्शन कर लिया तो समझो पंचभूतों की साधना हो गई