इस अमावस्या को पितृ अपने प्रियजनों के द्वार पर तर्पण-श्राद्धादि की इच्छा लेकर आते हैं। वे अपनी अंजुरी खोलकर खड़े होते हैं और उनके निमित्त आप जो भी करते हैं वह उसे ग्रहण कर प्रसन्न होकर चले जाते हैं।
आइए यहां जानते हैं अमावस्या के आसान उपाय- amavasya ke upay
1. सर्वपितृ अमावस्या को प्रात: स्नानादि के पश्चात गायत्री मंत्र का जाप करते हुए सूर्यदेव को जल अर्पित करना चाहिए।
2. इसके पश्चात घर में श्राद्ध के लिए बनाए गए भोजन से पंचबलि अर्थात गाय, कुत्ते, कौए, देव एवं चीटिंयों के लिए भोजन का अंश निकालकर उन्हें देना चाहिए।
3. अमावस्या वाले दिन प्रात: पीपल के वृक्ष के नीचे पितरों के निमित्त अपने घर का बना मिष्ठान और शुद्ध पीने के जल की मटकी रखकर धूप, दीपक जलाना चाहिए।
4. अपने पितरों के निमित्त श्राद्ध अमावस्या को 'कुतप-काल' में गौ माता को हरी पालक खिलाना चाहिए।
5. संध्याकाल के समय अपनी क्षमता अनुसार 2, 5 अथवा 16 दीपक प्रज्ज्वलित करने चाहिए।
6. सर्वपितृ अमावस्या में पीपल के पेड़ में जल चढ़ाना चाहिए, क्योंकि पीपल में पितरों का वास माना जाता है। इस दिन नदी या किसी जलाशय पर जाकर काले तिल के साथ पितरों को जल अर्पित करने से घर में हमेशा घर में खुशहाली और शांति आती है।
7. पितृ तर्पण के बाद श्रद्धापूर्वक पितरों से मंगल की कामना करनी चाहिए।
8. इस दिन किसी भी मंदिर में अथवा ब्राह्मण को 'आमान्य दान' और गरीब जरूरतमंद को भोजन करवाना चाहिए तथा अपने सामर्थ्य अनुसार दान-दक्षिणा देनी चाहिए।
इस तरह दीपक, जल और दान के इन उपायों को आजमा कर आप अपने पितरों से मनचाहा आशीर्वाद मांग सकते हैं तथा पितृ भी प्रसन्न होकर आपसे बिदा लेकर आपको शुभाशीष प्रदान करते हैं।