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श्राद्ध पक्ष कब से प्रारंभ हो रहे हैं और कब है सर्वपितृ अमावस्या?

WD Feature Desk
बुधवार, 17 जुलाई 2024 (16:54 IST)
Pitru Paksha 2024 : हिन्दू मान्य‍ता के अनुसार हर साल श्राद्ध पक्ष 16 दिनों तक चलता है। श्राद्ध पक्ष में पितरों का तर्पण, पिंडदान करके उनकी मुक्ति के लिए जप-अनुष्ठान किया जाता हैं। प्रतिवर्ष श्राद्ध पक्ष भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से प्रारंभ होकर आश्विन मास कृष्ण पक्ष की अमावस्या तक चलता हैं, यानी कि आश्विन अमावस्या पर इसका समापन होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार श्राद्ध पक्ष को 16 श्राद्ध भी कहा जाता है।
 
अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार श्राद्ध पक्ष 17 सितंबर 2024, मंगलवार से पूर्णिमा श्राद्ध के साथ प्रारंभ होकर 02 अक्टूबर 2024, बुधवार को आश्विन कृष्ण अमावस्या यानी सर्वपितृ अमावस्या को श्राद्ध पक्ष समाप्त होगा।

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यहां जानिए 2024 में कि कब से प्रारंभ हो रहा है श्राद्ध/ पितृपक्ष और कब यह समाप्त होगा। 
 
जानें पितृ पक्ष 2024 की श्राद्ध तिथियां- Pitru Paksha 2024 Date
 
पूर्णिमा का श्राद्ध : 17 सितंबर 2024- मंगलवार।
प्रतिपदा का श्राद्ध : 18 सितंबर 2024- बुधवार।
द्वितीया का श्राद्ध : 19 सितंबर 2024- गुरुवार।
तृतीया का श्राद्ध : 20  सितंबर 2024- शुक्रवार।
चतुर्थी का श्राद्ध : 21 सितंबर 2024- शनिवार।
महा भरणी : 21 सितंबर 2024- शनिवार।
पंचमी का श्राद्ध : 22 सितंबर 2024- रविवार।
षष्ठी का श्राद्ध : 23 सितंबर 2024- सोमवार।
सप्तमी का श्राद्ध : 23 सितंबर 2024- सोमवार।
अष्टमी का श्राद्ध : 24 सितंबर 2024- मंगलवार।
नवमी का श्राद्ध : 25 सितंबर 2024- बुधवार।
दशमी का श्राद्ध : 26 सितंबर 2024- गुरुवार।
एकादशी का श्राद्ध : 27 सितंबर 2024- शुक्रवार।
द्वादशी का श्राद्ध : 29 सितंबर 2024- रविवार।
मघा श्राद्ध : 29 सितंबर 2024- रविवार।
त्रयोदशी का श्राद्ध : 30 सितंबर 2024- सोमवार।
चतुर्दशी का श्राद्ध : 1 अक्टूबर 2024- मंगलवार।
सर्वपितृ अमावस्या : 2 अक्टूबर 2024- बुधवार।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
 
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