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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
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एक ऐसा शिव मंदिर जहां चढ़ती है झाड़ू, आखिर क्या है इसका रहस्य?

एक ऐसा शिव मंदिर जहां चढ़ती है झाड़ू, आखिर क्या है इसका रहस्य?
'विश्वास फलं दायकम' के मंत्र को मुरादाबाद जिले में स्थित एक शिव मंदिर में उमड़ रहा श्रद्धालुओं का कारवां चरितार्थ कर रहा है। 
 
मुरादाबाद-आगरा राजमार्ग पर सदत्बदी गांव में स्थित अतिप्राचीन पातालेश्वर मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां शिवलिंग पर झाडू चढ़ाने से जटिल से जटिल त्वचा रोग का समाधान हो जाता है। यूं तो यहां सालभर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है, मगर पवित्र श्रावण मास में बड़ी तादाद में लोग अपनी मन्नत पूरी करने के लिए यहां कतारबद्ध दिखाई दे रहे हैं। 
 
सदियों पुराने मंदिर के इतिहास के बारे में हालांकि कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है, मगर ग्रामीणों का कहना है कि पातालेश्वर मंदिर में जो कोई भक्त अगर अपनी सच्ची श्रद्धा से झाड़ू अर्पित करें तो उसके त्वचा संबंधी रोग खत्म हो जाते हैं। 
 
मान्यता है कि सदियों पहले एक व्यापारी भिखारीदास काफी धनवान होने के बावजूद चर्म रोग से पीड़ित थे। चर्म रोग से पीड़ित व्यापारी किसी वैद्य से अपना इलाज करवाने के लिए जा रहे थे कि तभी रास्ते में उन्हें जोरों की प्यास लगी तो वे पास दिख रहे एक आश्रम में पानी की खातिर गए। जाते-जाते भिखारीदास आश्रम में रखे एक झाड़ू से टकरा गए। कहते हैं कि उस झाड़ू के स्पर्श मात्र से ही उनका त्वचा रोग ठीक हो गया।
 
व्यापारी की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने आश्रम में रहने वाले संत को हीरे-जवाहरात देने की इच्छा प्रकट की, मगर संत ने इसे नकारते हुए कहा कि यदि वे इस स्थान पर मंदिर का निर्माण करा दें तो अच्छा होगा। व्यापारी ने संत के कहे अनुसार आश्रम के निकट शिव मंदिर बनवाया, जो 'पातालेश्वर मंदिर' के नाम से विख्यात हो गया।
 
इस तरह पातालेश्वर मंदिर के प्रति लोगों के मन में इस बात का विश्वास बन गया कि यहां झाड़ू चढ़ाने से त्वचा रोग ठीक हो जाते हैं और यह मान्यता इसी तरह सदियों से चली आ रही है।

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