महाशिवरात्रि और बाद में हर मासिक शिवरात्रि को सूर्यास्त के समय अपने घर में बैठकर अपने गुरुदेव का स्मरण करके शिवजी का स्मरण करते समय ये 17 मंत्र बोलें। 'जो शिव है वो गुरु है, जो गुरु है वो शिव है' इसलिए हम गुरुदेव का स्मरण करते हैं।
जिसकी गुरुदेव में दृढ़ भक्ति है, वो गुरुदेव का स्मरण करते-करते मंत्र बोले। आस-पास शिवजी का मंदिर हो और जिसके सिर पर कर्ज ज्यादा हो, वह शिव मंदिर जाकर दीया जलाकर ये 17 मंत्र बोले-
1) ॐ शिवाय नम:
2) ॐ सर्वात्मने नम:
3) ॐ त्रिनेत्राय नम:
4) ॐ हराय नम:
5) ॐ इंद्रमुखाय नम:
6) ॐ श्रीकंठाय नम:
7) ॐ सद्योजाताय नम:
8) ॐ वामदेवाय नम:
9) ॐ अघोरहृदयाय नम:
10) ॐ तत्पुरुषाय नम:
11) ॐ ईशानाय नम:
12) ॐ अनंतधर्माय नम:
13) ॐ ज्ञानभूताय नम:
14) ॐ अनंतवैराग्यसिंघाय नम:
15) ॐ प्रधानाय नम:
16) ॐ व्योमात्मने नम:
17) ॐ युक्तकेशात्मरूपाय नम:
उक्त मंत्र बोलकर अपने ईष्ट व गुरु को प्रणाम करके यह शिव-गायत्री मंत्र बोलें-
'ॐ तत्पुरुषाय विद्महे। महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र प्रचोदयात्।।'
जिनके सिर पर कर्ज है, वे शिवजी को प्रणाम करते हुए ये 17 मंत्र बोले कि मेरे सिर से यह भार उतर जाए, मैं निर्भर जीवन जी सकूं, भक्ति में आगे बढ़ सकूं। केवल समस्या को ही याद न करता रहूं।