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Sharad Purnima Kheer: शरद पूर्णिमा पर खुले आसमान के नीचे कब, क्यों और कैसे रखते हैं खीर?

WD Feature Desk
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024 (16:15 IST)
Sharad purnima 2024 Kheer: 16 अक्टूबर 2024 बुधवार के दिन शरद पूर्णिमा पर इस बार दिल्ली में शाम 05 बजकर 13 मिनट पर चांद का उदय होगा। इस दिन चंद्रमा के प्रकाश में रखी हुई खीर खाने की परंपरा है। इस दिन चन्द्रमा न केवल सभी सोलह कलाओं के साथ चमकता है, बल्कि शरद पूर्णिमा के चन्द्रमा की किरणों में उपचार के कुछ गुण भी होते हैं जो शरीर और आत्मा को सकारात्मक उर्जा प्रदान करते हैं। आश्विन माह की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा और कोजागरी पूर्णिमा कहते हैं। शरद पूर्णिमा के दिन खीर खाने या दूध पीने का खास महत्व रहता है। इस दिन खीर या दूध को पूर्णिमा के चांद के नीचे कुछ देर रखने के बाद उसे खाते हैं। इससे सेहत संबंधि कई लाभ मिलते हैं।ALSO READ: शरद पूर्णिमा पर करिए ये 5 उपाय, पूरे साल बरसेगा धन
 
 
शरद पूर्णिमा पर खुले आसमान के नीचे कब रखें खीर:- आपके शहर में चांद निकलने के बाद रखें खीर। जब चांद पूरा नजर आए और चारों ओर अंधेरा हो तब रखें खीर। अनुमानित समय रात्र‍ि 7 बजे से 8 बजे के बीच रखें खीर।  आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं और शरद पूर्णिमा इस बार 16 अक्‍टूबर को मनाई जाएगी। इस दिन खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखने की परंपरा है।ALSO READ: शरद पूर्णिमा पर क्या है खीर खाने का महत्व?
 
शरद पूर्णिमा पर खुले आसमान के नीचे क्यों रखते हैं खीर?
इस दिन चंद्रमा के प्रकाश में रखी हुई खीर खाने की परंपरा है। इस दिन चन्द्रमा न केवल सभी सोलह कलाओं के साथ चमकता है, बल्कि शरद पूर्णिमा के चन्द्रमा की किरणों में उपचार के कुछ गुण भी होते हैं जो शरीर और आत्मा को सकारात्मक उर्जा प्रदान करते हैं। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन चांद से अमृत की वर्षा होती है। इसलिए इस दिन दूध से बनी खीर को खुले आसमान या घर की छत पर रखा जाता है। ऐसा करने से शरद पूर्णिमा की चांदनी में खीर औषधीय गुणों से भर जाती हैं। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा का चांद ज्यादा करीब होता है और इस चंद्रमा में पृथ्वी पर कुछ ऐसी किरणें आती हैं जो सभी रोगों को दूर करने में असरदार होती हैं।ALSO READ: Sharad Purnima Kheer: शरद पूर्णिमा पर बनाएं ये 7 प्रकार की खीर
 
वैज्ञानिक तथ्यों के अनुसार दूध में प्रचुर मात्रा में लैक्टिक एसिड पाया जाता है। दूध की खीर जब चांदनी रात में रखी जाती है तब यह अधिक मात्रा में चंद्रमा की किरणों को अवशोषित करती है। चंद्रमा के प्रकाश में कई तत्व होते हैं जो खीर को तत्वों से समृद्ध कर देते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि चावल से बनी खीर को चांदी के बर्तन में चांदनी रात में रखने पर यह पोषक तत्वों से समृद्ध हो जाती है। चांदी में रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है जिसे खाने से इम्यूनिटी बढ़ती है।
शरद पूर्णिमा पर खुले आसमान के नीचे कैसे रखते हैं खीर?

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