Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

गुह्य काली कौन हैं और क्या है उनका मंत्र, जानिए

अनिरुद्ध जोशी
माता कालिका के अनेक रूप हैं जिनमें से प्रमुख है- 1.दक्षिणा काली, 2.शमशान काली, 3.मातृ काली और 4.महाकाली। इसके अलावा श्यामा काली, गुह्य काली, अष्ट काली और भद्रकाली आदि अनेक रूप भी है। सभी रूपों की अलग अलग पूजा और उपासना पद्धतियां हैं। आओ जानते हैं गुह्य काली कौन है और क्या है उनका मंत्र।
 
गुह्य काली :
1. मां सिद्धिकाली को ही गुह्य काली के नाम से भी जाना जाता है।
 
2. कहते हैं कि इंद्र, वरुण, कुबेर, यम,, चंद्र, रावण, यम, राजा बलि, बालि, वासव, विवस्वान आदि कई देवी और देवता्ओं ने इनकी उपासना कर सिद्धि और शक्तियां अर्जित की हैं।
 
3. जो लोग सिद्धि प्राप्त करना चाहिए हैं उन्हें इन माता की पूजा और साधना करना चाहिए।
 
4. गुह्यकाली के कुछ मंत्र :
 
1. क्रीं क्रीं क्रीं हूं हूं ह्रीं ह्रीं गुह्ये कालिके क्रीं क्रीं क्रीं हूं हूं ह्रीं ह्रीं स्वाहा। गुह्य काली की सिद्धि त्रैलोक्य में अत्यंत दुर्लभ है। यह मंत्र सर्वफलदायक, धर्मार्थकाममोक्षदायक, महापातकनाशक, सर्वसिद्धिदायक, सनातनी एवं भोग तथा मोक्ष देने वाला है। माना जाता है कि इस मंत्र का सवा लाख जप करने से यह सिद्ध होता है।
 
2.नवाक्षर मंत्र : क्रीं गुह्ये कालिका क्रीं स्वाहा।
3. चतुर्दशाक्षर मंत्र : क्रौं हूं ह्रीं गुह्ये कालिके हूं हूं ह्रीं ह्रीं स्वाहा।
4. पंचदशाक्षर मंत्र : हूं ह्रीं गुह्ये कालिके क्रीं क्रीं हूं हूं ह्रीं ह्रीं स्वाहा।
5. अन्य मंत्र : ऊँ क्रीं क्रीं क्रीं हूं हूं ह्रीं ह्रीं स्वाहा।
 
ध्यान
द्यायेन्नीलोत्पल श्यामामिन्द्र नील समुद्युतिम्। धनाधनतनु द्योतां स्निग्ध दूर्वादलद्युतिम्।।
ज्ञानरश्मिच्छटा- टोप ज्योति मंडल मध्यगाम्। दशवक्त्रां गुह्य कालीं सप्त विंशति लोचनाम्।।

 
5. गुजयेश्वरी मंदिर, काठमांडू, नेपाल : यहां पर माता सती के शरीर के दोनों घुटने गिरे थे। इस कारण से यह इक्यावन शक्तिपीठ में गिना जाता है। यहां की शक्ति हैं महाशिरा एवं भैरव हैं कपाली। कुछ लोगों का मानना है, कि इसका नाम गुह्येश्वरी मंदिर है।
 
 
 
 

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Guru Pushya Nakshatra 2024: पुष्य नक्षत्र में क्या खरीदना चाहिए?

जानिए सोने में निवेश के क्या हैं फायदे, दिवाली पर अच्छे इन्वेस्टमेंट के साथ और भी हैं कारण

झाड़ू से क्या है माता लक्ष्मी का कनेक्शन, सही तरीके से झाड़ू ना लगाने से आता है आर्थिक संकट

30 को या 31 अक्टूबर 2024 को, कब है नरक चतुर्दशी और रूप चौदस का पर्व?

गुरु पुष्य योग में क्यों की जाती है खरीदारी, जानें महत्व और खास बातें

सभी देखें

धर्म संसार

Diwali Skincare : त्योहार के दौरान कैसे रखें अपनी त्वचा का ख्याल

Diwali 2024 : कम समय में खूबसूरत और क्रिएटिव रंगोली बनाने के लिए फॉलो करें ये शानदार हैक्स

Muhurat Trading: मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान क्या करते हैं और इससे किसे लाभ होता है?

गोवा में नरक चतुर्दशी पर नरकासुर के पुतला दहन के साथ होता है बुरे का अंत, यहां भगवान श्रीकृष्ण हैं दिवाली के असली हीरो

Ahoi ashtami vrat katha: अहोई अष्टमी की पौराणिक कथा

આગળનો લેખ
Show comments