Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

घर में आरती करने के 10 लाभ

अनिरुद्ध जोशी
रविवार, 28 जून 2020 (06:38 IST)
हिन्दू धर्म में संध्योपासना के 5 प्रकार हैं- 1. संध्यावंदन, 2.प्रार्थना, 3. ध्यान, 4. कीर्तन और 5. पूजा-आरती। व्यक्ति की जिसमें जैसी श्रद्धा है, वह वैसा करता है।
 
आरती कई प्रकार की होती है। जैसे मंगल आरती, पूजा आरती, धूप आरती, भोग आरती, श्रृंगार आरती, संध्या आरती, और शयन आरती। मथुरा वृंदावन के मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण की अष्ट प्रहर की आरती करते हैं। यहां जानिए कि घर में दो वक्त प्रात: और संध्या को की जाने वाली आरती के 10 लाभ।
 
1.पूजा के बाद आरती की जाती है। आरती को 'आरात्रिक' अथवा 'नीराजन' के नाम से भी पुकारा गया है। आराध्य के पूजन में जो कुछ भी त्रुटि या कमी रह जाती है, उसकी पूर्ति आरती करने से हो जाती है। 
 
2. साधारणतया 5 बत्तियों वाले दीप से आरती की जाती है जिसे 'पंचप्रदीप' कहा जाता है। इसके अलावा 1, 7 अथवा विषम संख्या के अधिक दीप जलाकर भी आरती करने का विधान है। सभी का अलग अलग महत्व है।
 
3. दीपक की लौ की दिशा पूर्व की ओर रखने से आयु वृद्धि, पश्चिम की ओर दुःख वृद्धि, दक्षिण की ओर हानि और उत्तर की ओर रखने से धनलाभ होता है। लौ दीपक के मध्य लगाना शुभ फलदायी है। इसी प्रकार दीपक के चारों ओर लौ प्रज्वलित करना भी शुभ है।
 
4.आरती का लाभ : आरती के द्वारा व्यक्ति की भावनाएं पवित्र होती ही हैं
 
5. आरती के दीये में जलने वाला गाय का घी तथा आरती के समय बजने वाला शंख वातावरण के हानिकारक कीटाणुओं का निर्मूलन करता है।
 
7. 'विष्णुधर्मोत्तर पुराण' के अनुसार जो धूप, आरती को देखता है, वह अपनी कई पीढ़ियों का उद्धार करता है। 
 
8. घृत और कपूर के दीपक, अगर या धूप की बत्ती जलाना एवं हवन आदि की क्रिया वायुशोधन के लिए बहुत ही उपयोगी है। गंदे घरों की सफाई के लिए कपूर गंधक आदि का तीक्ष्ण धुआं भरना एक वैज्ञानिक प्रणाली है।
 
9. पौष्टिक और सुगंधित वस्तुओं को जलाना तो दुहरा काम करता है। वायु की गर्मी और विषैलेपन को जलाने के साथ-साथ ऑक्सीजन वायु में रहने वाले सूक्ष्म तत्व ओजोन का भी सम्मिश्रण करता है, जो रक्त शुद्धि के लिए बहुत ही फायदेमंद है और मस्तिष्क को ठंडक प्रदान करती है।
 
10. शंख-ध्वनि और घंटे-घड़ियाल पूजा के प्रधान अंग हैं। किसी देवता की पूजा शंख और घड़ियाल बजाए बिना नहीं होती। सन् 1928 में बर्लिन यूनिवर्सिटी ने शंख ध्वनि का अनुसंधान करके यह सिद्ध किया था कि शंख ध्वनि की शब्द लहरें बैक्टीरिया नामक संक्रामक रोग कीटों को मारने में उत्तम और सस्ती औषधि है। घंटा नाद से कई शारीरिक कष्ट कटते हैं और मानसिक उत्कर्ष होता है। घंटा नाद के कंपन मानसिक गतिविधि की दिशा एक ही ओर करके एक प्रकार की तन्द्रा और शांति प्रदान करते हैं।

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

परीक्षा में सफलता के लिए स्टडी का चयन करते समय इन टिप्स का रखें ध्यान

Shani Gochar 2025: शनि ग्रह मीन राशि में जाकर करेंगे चांदी का पाया धारण, ये 3 राशियां होंगी मालामाल

2025 predictions: वर्ष 2025 में आएगी सबसे बड़ी सुनामी या बड़ा भूकंप?

Saptahik Panchang : नवंबर 2024 के अंतिम सप्ताह के शुभ मुहूर्त, जानें 25-01 दिसंबर 2024 तक

Budh vakri 2024: बुध वृश्चिक में वक्री, 3 राशियों को रहना होगा सतर्क

सभी देखें

धर्म संसार

मार्गशीर्ष अमावस्या पर करते हैं सत्यनारायण भगवान की कथा, जानिए पूजा विधि

Guru Pradosh Vrat 2024: गुरु प्रदोष व्रत आज, जानें कथा, महत्व, पूजा विधि और समय

Aaj Ka Rashifal: आज किन राशियों को मिलेगी हर क्षेत्र में सफलता, पढ़ें 28 नवंबर का राशिफल

प्रयागराज में महाकुंभ की तैयारियां जोरों पर, इन देशों में भी होंगे विशेष कार्यक्रम

प्रयागराज में डिजिटल होगा महाकुंभ मेला, Google ने MOU पर किए हस्‍ताक्षर

આગળનો લેખ
Show comments