महाभारत को पढ़ना और समझता बहुत ही दिलचस्प है। महाभारत में भारत का प्राचीन इतिहास दर्ज है। महाभारत का हर पात्र ऐसा है जिसके ऊपर अलग से एक ग्रंथ लिखा जा सकता है। महाभारत में एक ओर जहां सामाजिक नियमों का उल्लेख मिलता हैं वहीं दूसरी ओर सामाजिक नियमों के उल्लंघन की अनेक घटनाएं भी मिलती है।
महाभारत में एक ओर जहां धर्म और नीति की बाते हैं वहीं अधर्म और अनीति के कई कांड मिल जाएंगे। महाभारत कालीन रिश्ते और उनके द्वंद्व, जिसमें छल, ईर्ष्या, विश्वासघात और बदले की भावना का बाहुल्य है, लेकिन इसी में प्रेम-प्यार, अकेलापन और बलिदान भी है। लेकिन बहुत कम ही लोग जानते होंगे कि अर्जुन रिश्ते में भगवान श्रीकृष्ण के जीजा लगते थे जबकि दुर्योधन उनके समधी।
महाभारत में भगवान श्रीकृष्ण के सखा थे अर्जुन लेकिन अर्जुन ने जब श्रीकृष्ण की बहन सुभद्रा से विवाह किया तो वे उनके जीजा भी बन गए थे। लेकिन भगवान श्रीकृष्ण का अर्जुन से ही नहीं बल्कि दुर्योधन से भी करीबी रिश्ता था। श्री कृष्ण की आठ पत्नियां थीं जिसमें से एक का नाम जामवंती था जो रामायण काल के जामवंतजी की पुत्री थी। इसी जामवंती से श्रीकृष्ण को एक पुत्र मिला जिसका नाम साम्ब था। इस साम्ब ने दुर्योधन की पुत्री लक्ष्मणा से विवाह किया था। इस तरह दुर्योधन और श्रीकृष्ण दोनों एक दूसरे के समधी थे।