Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

भीष्म को इस कर्म के कारण मिली तीरों की शैया

अनिरुद्ध जोशी
भीष्म पितामह ने श्रीकृष्ण से पूछा कि हे मधुसूदन, मेरे कौन से कर्म का फल है, जो मैं शरशैया पर पड़ा हुआ हूँ?
 
 
तब कृष्ण ने कहा- आपने अपने सौ पूर्वजन्मों में कभी किसी का अहित नहीं किया, लेकिन एक सौ एकवें जन्म में एक बार आपके घोड़े के अग्रभाग पर वृक्ष से एक करकैंटा नीचे गिरा।
 
आपने बाण से उसे उठाकर पीठ के पीछे फेंक दिया। वह बेरिया की झाड़ी पर जा गिरा और उसके काँटे उसकी पीठ में धँस गए। करकैंटा जितना निकलने की कोशिश करता उतने ही काँटे उसकी पीठ में चुभ जाते थे और करकैंटा अठारह दिन तक जीवित रहा और अंतत: आपको शाप देकर मर गया।
 
 
हे पितामह! आपके सौ जन्मों के पुण्य कर्मों के कारण आज तक आप पर करकैंटा का शाप लागू नहीं हो पाया, लेकिन द्रोपदी का चीर हरण होता रहा और आप मूकदर्शक बनकर देखते रहे। इसी कारण आपके सारे पुण्यकर्म क्षीण हो गए और करकैंटा का शाप आप पर लागू हो गया। प्रत्येक मनुष्य को अपने कर्मों का फल कभी न कभी तो भोगना ही पड़ेगा।

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

पढ़ाई में सफलता के दरवाजे खोल देगा ये रत्न, पहनने से पहले जानें ये जरूरी नियम

Yearly Horoscope 2025: नए वर्ष 2025 की सबसे शक्तिशाली राशि कौन सी है?

Astrology 2025: वर्ष 2025 में इन 4 राशियों का सितारा रहेगा बुलंदी पर, जानिए अचूक उपाय

बुध वृश्चिक में वक्री: 3 राशियों के बिगड़ जाएंगे आर्थिक हालात, नुकसान से बचकर रहें

ज्योतिष की नजर में क्यों है 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

सभी देखें

धर्म संसार

25 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

25 नवंबर 2024, सोमवार के शुभ मुहूर्त

Weekly Horoscope: साप्ताहिक राशिफल 25 नवंबर से 1 दिसंबर 2024, जानें इस बार क्या है खास

Saptahik Panchang : नवंबर 2024 के अंतिम सप्ताह के शुभ मुहूर्त, जानें 25-01 दिसंबर 2024 तक

Aaj Ka Rashifal: 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा आज का दिन, पढ़ें 24 नवंबर का राशिफल

આગળનો લેખ
Show comments