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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
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हिन्दू धर्मग्रंथ गीता : कब, कहां, क्यों?

हिन्दू धर्मग्रंथ गीता : कब, कहां, क्यों?

अनिरुद्ध जोशी

3112 ईसा पूर्व हुए भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। कलियुग का आरंभ शक संवत से 3176 वर्ष पूर्व की चैत्र शुक्ल एकम (प्रतिपदा) को हुआ था। वर्तमान में 1939 शक संवत है। इस प्रकार कलियुग को आरंभ हुए 5115 वर्ष हो गए हैं। आर्यभट्‍ट के अनुसार महाभारत युद्ध 3137 ईपू में हुआ।
 
इस युद्ध के 35 वर्ष पश्चात भगवान कृष्ण ने देह छोड़ दी थी तभी से कलियुग का आरंभ माना जाता है। उनकी मृत्यु एक बहेलिए का तीर लगने से हुई थी। तब उनकी तब उनकी उम्र 119 वर्ष थी। इसके मतलब की आर्यभट्टर के गणना अनुसार गीता का ज्ञान 5154 वर्ष पूर्व श्रीकृष्ण ने अर्जुन को दिया था।
 
हरियाणा के कुरुक्षे‍त्र में जब यह ज्ञान दिया गया तब तिथि एकादशी थी। संभवत: उस दिन रविवार था। उन्होंने यह ज्ञान लगभग 45 मिनट तक दिया था। परंपरा से यह ज्ञान सबसे पहले विवस्वान् (सूर्य) को मिला था। जिसके पुत्र वैवस्वत मनु थे। गीता की गणना उपनिषदों में की जाती है। इसी‍लिये इसे गीतोपनिषद् भी कहा जाता है। दरअसल, यह महाभारत के भीष्म पर्व का हिस्सा है। महाभारत में ही कुछ स्थानों पर उसका हरिगीता नाम से उल्लेख हुआ है। (शान्ति पर्व अ. 346.10, अ. 348.8 व 53)। 
 
श्रीकृष्ण ने गीता का ज्ञान अर्जुन को इसलिये दिया क्योंकि वह कर्त्तव्य पथ से भटकर संन्यासी और वैरागी जैसा आचरण करके युद्ध छोड़ने को आतुर हो गया था वह भी ऐसे समय जब की सेना मैदान में डटी थी। ऐसे में श्रीकृष्ण को उन्हें उनका कर्तव्य निभाने के लिए यह ज्ञान दिया।
 
गीता को अर्जुन के अलावा और संजय ने सुना और उन्होंने धृतराष्ट्र को सुनाया। गीता में श्रीकृष्ण ने- 574, अर्जुन ने- 85, संजय ने 40 और धृतराष्ट्र ने- 1 श्लोक कहा है।

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