Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

Sabse bada ghanta: इन मंदिरों में लगा है देश का सबसे वजनी घंटा, जानें क्यों लगाते हैं घंटा

दुनिया का सबसे बड़ा घंटा लगा है चंबल रिवर फ्रंट पर

WD Feature Desk
शुक्रवार, 26 अप्रैल 2024 (14:53 IST)
Mandir ka Ghanta sabse bada ghanta : घंटे या घंटियां 4 प्रकार की होती हैं:- 1. गरूड़ घंटी, 2. द्वार घंटी, 3. हाथ घंटी और 4. घंटा। मंदिर के बाहर घंटा लगाया जाता है। देश के कई मंदिरों में विशालकाय घंटे लगाए गए हैं। इन घंटों को देखकर आप भी आश्चर्य करेंगे। आओ जानते हैं किन मंदिरों में लगे हैं सबसे विशालकाय और वजनी घंटे।
ALSO READ: Chandraghanta ki katha: नवदुर्गा नवरात्रि की तृतीया देवी मां चंद्रघंटा की कथा कहानी
1. राजस्थान के राजाखेड़ा के श्रीराम आश्रम हरिचरण धाम में 2041 किलोक्राम का घंटा लगा है। इसे बनाने में कुल 3500 किग्रा पीतल लगा है। यह घंटा 9 साल में मंदिर में चढ़ावे में जितने की पीतल एकत्र हुई उससे बनवाया गया था 
 
2. देश का दूसरा सबसे वजनी अष्टधातु से बना घंटा राजस्थान के सिरोही जिले के गिरवर गांव स्थित पाटनारायण मंदिर में लगा हुआ है, जिसका वजन 2100 किलोग्राम है। 
 
2. मध्यप्रदेश में मंदसौर के अष्टमुखी भगवान पशुपतिनाथ को अष्टधातु से बना 37 क्विंटल का यह घंटा भेंट किया गया था। यानी यह 3700 किलोग्राम का घंटा है। 
 
3. मध्य प्रदेश के दतिया जिले में स्थित रतनगढ़ माता के मंदिर पर करीब 21 क्विंटल वजनी घंटा चढ़ाया गया था। इन घंटों की आवाज कई किलोमीटर दूर तक सुनाई देती है जिससे क्षेत्र में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। कुछ लोग इस घंटे का कुल वज़न 1935 KG बताते हैं।
ALSO READ: Vastu Tips : वास्तु के अनुसार इन 4 जगहों पर नहीं रहना चाहिए, जिंदगी हो जाती है बर्बाद
5. चंबल रिवर फ्रंट पर दुनिया का सबसे बड़ा घंटा 79,000 किलो वजनी है। यह घंटा 35 भट्टियों में पीतल को गलाकर ढाला गया है। पीतल के साथ-साथ इसमें अन्य धातुओं का मिश्रण है। इस घंटे के आवाज कम से कम 8 किलोमीटर तक सुनाई देती है। जिस चैन को खिंचकर घंटा बजाया जाता है वह करीब 400 किलो वजनी है। 
 
सृष्‍टि का नाद : सृष्टि की रचना में ध्वनि का महत्वपूर्ण योगदान है। ध्वनि से प्रकाश की उत्पत्ति और बिंदु रूप प्रकाश से ध्वनि की उत्पत्ति मानी जाती है। जब सृष्टि का प्रारंभ हुआ तब जो नाद था, घंटी की ध्वनि को उसी नाद का प्रतीक माना जाता है। घंटी के रूप में सृष्टि में निरंतर विद्यमान नाद ओंकार या ॐ की तरह है जो हमें यह मूल तत्व की याद दिलाता है।
ALSO READ: दुनिया का सबसे अमीर मंदिर ट्रस्ट तिरुमाला तिरूपति देवस्थानम‎, इस साल 1,161 करोड़ की एफडी
घंटी या घंटे को काल का प्रतीक भी माना गया है। ऐसा माना जाता है कि जब प्रलय काल आएगा तब भी इसी प्रकार का नाद यानि आवाज प्रकट होगी। चारों ओर घंटियों की आवाज सुनाई देगी। जिन स्थानों पर घंटी बजने की आवाज नियमित आती है वहां का वातावरण हमेशा शुद्ध और पवित्र बना रहता है। स्कंद पुराण के अनुसार मंदिर में घंटी बजाने से मानव के सौ जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं और यह भी कहा जाता है कि घंटी बजाने से देवताओं के समक्ष आपकी हाजिरी लग जाती है। लगातार घंटी बजाए जाने से नकारात्मक शक्तियां हटती है। नकारात्मकता हटने से समृद्धि के द्वारा खुलते हैं। प्रात: और संध्या को ही घंटी बजाने का नियम है। वह भी लयपूर्ण।

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

पढ़ाई में सफलता के दरवाजे खोल देगा ये रत्न, पहनने से पहले जानें ये जरूरी नियम

Yearly Horoscope 2025: नए वर्ष 2025 की सबसे शक्तिशाली राशि कौन सी है?

Astrology 2025: वर्ष 2025 में इन 4 राशियों का सितारा रहेगा बुलंदी पर, जानिए अचूक उपाय

बुध वृश्चिक में वक्री: 3 राशियों के बिगड़ जाएंगे आर्थिक हालात, नुकसान से बचकर रहें

ज्योतिष की नजर में क्यों है 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

सभी देखें

धर्म संसार

Budh vakri 2024: बुध वृश्चिक में वक्री, 3 राशियों को रहना होगा सतर्क

Makar Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: मकर राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

lunar eclipse 2025: वर्ष 2025 में कब लगेगा चंद्र ग्रहण, जानिए कहां नजर आएगा

Dhanu Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: धनु राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

विवाह के बाद गृह प्रवेश के दौरान नई दुल्हन पैर से क्यों गिराती है चावल से भरा कलश? जानिए क्या है इस रस्म के पीछे का कारण

આગળનો લેખ
Show comments