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कीव के पास के कई इलाकों पर फिर यूक्रेन का कब्जा, रूसी सैनिकों पर बमबारी की

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रविवार, 3 अप्रैल 2022 (11:39 IST)
ल्वीव। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा कि कीव और चेर्नीहीव के आसपास के इलाकों पर यूक्रेनी सैनिक फिर से कब्जा कर रहे हैं और रूसी सैनिकों को कड़ी टक्कर देने के साथ ही उन पर बमबारी भी कर रहे हैं। जेलेंस्की ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि यूक्रेन जानता है कि रूस के पास यूक्रेन के पूर्व और दक्षिण में अधिक दबाव बनाने के लिए सुरक्षाबल हैं।
 
उन्होंने कहा कि रूसी सैनिकों का लक्ष्य क्या है? वे डोनबास और यूक्रेन के दक्षिण पर कब्जा जमाना चाहते हैं। हमारा लक्ष्य क्या है? अपनी, अपनी आजादी, अपनी जमीन और अपने लोगों की रक्षा करना।
 
उन्होंने कहा कि अच्छी खासी संख्या में रूसी सैनिक मारियुपोल के आसपास तैनात है, जहां बचावकर्ता लगातार लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस विरोध के कारण, इस साहस और हमारे अन्य शहरों की प्रतिरोधक्षमता के कारण यूक्रेन ने अमूल्य समय हासिल किया, जिससे हमें दुश्मन के हथकंडों को नाकाम करने और उसकी क्षमताओं को कमजोर करने का मौका मिल रहा है।
 
जेलेंस्की ने एक बार फिर पश्चिमी देशों से मिसाइल रोधी प्रणालियां और विमान जैसे अधिक आधुनिक हथियार देने की अपील की है।
 
बुचा : यूक्रेन की सेना रूसी सेना द्वारा विस्फोटक छोड़े जाने के डर के बीच शनिवार को कीव के उत्तरी क्षेत्र पर फिर से कब्जा जमाने के लिए सावधानीपूर्वक आगे बढ़ी। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने आगाह किया कि इलाकों को छोड़कर जा रही रूसी सेना घरों के आसपास बारुदी सुरंग बनाकर, हथियार छोड़कर और यहां तक कि शवों को छोड़कर नागरिकों के लिए विध्वंसकारी स्थिति पैदा कर रही है। उनके दावों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी है।
 
यूक्रेन के सैनिकों ने बुचा शहर में तैनाती संभाली और वे होस्तोमेल में एंटोनोव हवाईअड्डे के प्रवेश द्वार पर तैनात हैं। बुचा में पत्रकारों ने सड़क पर नागरिकों के कम से कम छह शव देखे। टैंकों और बख्तरबंद वाहनों से लैस यूक्रेन के सैनिकों ने शवों को तारों से बांधा और उन्हें इस डर से सड़क से हटा दिया कि कहीं वे उन्हें मारने के लिए कोई उपकरण (बूबी-ट्रैप) न लगा रखा हो।
 
यूक्रेन और उसके पश्चिमी सहयोगियों ने बताया कि ऐसे सबूत बढ़ रहे हैं कि रूस कीव के आसपास अपने सैनिकों को वापस बुला रहा है और पूर्वी यूक्रेन में सैन्य जमावड़ा कर रहा है।
 
महंगाई की मार : पश्चिम एशिया के ज्यादातर हिस्सों में शनिवार को रमजान की शुरुआत हो गयी। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के कारण पश्चिमी एशिया में ईंधन और खाद्य कीमतें बढ़ गयी हैं। आसमान छूती कीमतें लेबनान, इराक और सीरिया से लेकर सूडान तथा यमन तक उन लोगों पर असर डाल रही हैं जो पहले ही संघर्ष, विस्थापना और गरीबी का दंश झेल रहे हैं।
 
वहीं, यूक्रेन के उप प्रधानमंत्री ने कहा कि 765 निवासी शनिवार को निजी वाहनों में मारियुपोल से बाहर निकल पाए जबकि मानवीय कार्यकर्ताओं का एक दल अभी तक शहर में नहीं पहुंचा है। इरिना वेरेश्चुक ने बताया कि निवासी उत्तर पश्चिम से 226 किलोमीटर दूर जापोरिझिया शहर पहुंचे।
 
इस बीच, ‘इंटरनेशनल कमेटी ऑफ रेड क्रॉस’ ने कहा कि तीन वाहनों और नौ स्टाफ सदस्यों के साथ एक दल ने निवासियों को निकालने के लिए शनिवार को मारियुपोल में जाने की योजना बनाई थी लेकिन वह जा नहीं सका क्योंकि उसे यह आश्वासन नहीं मिला कि रास्ता सुरक्षित है। रूसियों ने शहर तक पहुंच बाधित कर दी है। (भाषा)
 

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