रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध अब छठवें दिन पहुंच गया है। यूक्रेन की राजधानी कीव और खारकीव में रूस के ताबड़तोड़ हमले के बीच वहां पर हालात बिगड़ चुके है। इस बीच भारतीय विदेश मंत्रालय ने कीव में फंसे भारतीयों को तुरंत निकलने की एडवाइजरी जारी की है। वहीं यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खरकीव में रूस सेना की बमबारी से हर ओर ताबाही के दृष्य दिखाई दे रहे है।
अब तक यूक्रेन मे फंसे मध्यप्रदेश के 29 स्टूडेंट्स सुरक्षित वापस आ चुके है लेकिन अब भी वहां पर बड़ी संख्या में प्रदेश के स्टूडेंट्स फंसे हुए है। राजधानी भोपाल की रहने वाली शिवानी सिंह और रायसेन जिले की रहने वाली सुचि वर्मा भी यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव में फंसी है और वहां से सरकार से निकालने गुहार लगाई है।
भोपाल की रहने वाली शिवानी पिछले चार साल से खारकीव में रहकर MBBS की पढ़ाई कर रही थी। शिवानी अपनी दोस्त के साथ कई दिन से बंकर में फंसी थी जहां से उसने वीडियो जारी कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से निकालने की अपील की है।
वेबदुनिया से बातचीत में शिवानी सिंह की परिजन पुष्पा सिंह बताती है कि शिवानी अपनी दोस्त के साथ पिछले पांच दिन से खारकीव में बंकर में फंसी थी और सोमवार को किसी तरह पैदल अपने हॉस्टल पहुंच पाई। जहां से आज वह अपनी दोस्त के साथ शशि के साथ 1700 किलोमीटर दूर रोमानिया के लिए निकलने की कोशिश कर रही है। शिवानी ने फोन पर बताया था कि उन्होंने जो पानी और बिस्किट स्टोर किया था वह भी अब खत्म हो चुका है।
शिवानी ने बातचीत में बताया कि खारकीव में जहां पर वहां इस वक्त है वहां से रेलवे स्टेशन की दूरी भी कई किलोमीटर है और यह सफर भी उनको पैदल ही तय करना होगा। आज शिवानी निकल पाई या नहीं इसका पता नहीं चल पाया है क्यों कल रात से शिवानी से संपर्क नहीं हो पा रहा है। सुषमा सिंह कहती है कि स्थानीय प्रशासन ने अब बातचीत पर भी बैन लगा दिया है।
वहीं सरकार से मदद मिलने के सवाल पर कहती है कि जब उन्होंने गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से मुलाकात की थी उसके बाद दिल्ली में विदेश मंत्रालय से फोन कर उनसे शिवानी के बारे में जानकारी मांगी गई थी। वहीं कल देर शाम केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरफ से फोन कर शिवानी की नजदीकी बॉर्डर के बारे में पूछा गया था जिस पर उन्होंने रोमानिया बॉर्डर के बारे में जानकारी दी गई।