Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

दो वृक्ष हैं पिछले जन्म के प्रेमी-प्रेमिका!

दो वृक्ष हैं पिछले जन्म के प्रेमी-प्रेमिका!
मेलाघाट खातिमा , शनिवार, 27 अप्रैल 2013 (07:00 IST)
मेलाघाट खातिमा। जोर-जोर से बजते ढोल-नगाड़े, नाचते-गाते लोग और बड़े पैमाने पर जलसा-समारोह। ऐसे मनाया जाता है एक विवाह समारोह, जिसमें दूल्हा-दुल्हन कोई पुरुष और महिला नहीं, बल्कि है बरगद और पीपल के पेड़। लेकिन आखिर क्यों उनका विवाह कराया जाता है?

उत्तराखंड के मेलाघाट खातिमा नामक एक छोटे-से गांव में इन दोनों वृक्षों का प्रतिवर्ष भव्य पैमाने पर विवाह कराया जाता है।

कई साल पहले बरगद के वृक्ष की एक शाखा पीपल के वृक्ष से लिपट गई। गांव वालों ने इस घटना को अंधविश्वास का रूप देते हुए, इन दोनों वृक्षों को पिछले जन्म के बिछड़े हुए प्रेमी-प्रेमिका मान लिया। बस, तभी धूम-धाम से इनका विवाह करवाया गया।

जब एक बार विवाह होने के बाद फिर दूसरी बार क्यों? लेकिन अब इस गांव में हर साल इन दोनों वृक्षों का विवाह कराने की परम्परा चली पड़ी है। स्थानीय लोगों का मानना है कि ये विवाह संपन्न करवाने से उन्हें पुण्य की प्राप्ति होती है। ये दोनों वृक्ष पूरे गांव की रक्षा करते हैं और गांव को दैवी आपदाओं से बचाते हैं।

यहां की निवासी शकुन्तला के अनुसार, बरगद और पीपल के विवाह के बारे में उन्होंने काफी कुछ सुन रखा था, लेकिन पहली बार उसे देख रही हैं। गांव के सारे लोग इस समारोह में काफी उत्साह से भाग लेते हैं, क्योंकि यह गांव की सुख-समृद्धि के लिए बहुत महत्पूर्ण है।

इस अनोखे विवाह को पूरा गांव वैदिक कर्मकाण्डों के अनुसार करवाता है। इस विवाह के दौरान पीपल के वृक्ष को दूल्हा और बरगद को दुल्हन माना जाता है। विवाह के दौरान इन दोनों वृक्षों को सफेद वस्त्रों से लपेटकर सजाया जाता है।

दूर-दूर से हजारों लोग इस समारोह में भाग लेने के लिए आते हैं। सालों पुरानी यह परम्परा आज भी इस गांव में बड़े धूम-धाम से मनायी जाती है।- (एएनआई)

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

सावधान! धरती पर कब्जा करने आ रहे हैं 'एलियंस'