Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

चमत्कार, शिवलिंग पर अपने-आप ही होता है जलाभिषेक

चमत्कार, शिवलिंग पर अपने-आप ही होता है जलाभिषेक
, शुक्रवार, 11 अप्रैल 2014 (14:38 IST)
देवभूमि भारत ऋषि-मुनियों की तपोभूमि और चमत्कारिक भूमि है। जब धरती पर देवी-देवता रहते थे, तो उस काल में उनके निर्देशन में धरती पर ऐसे स्थानों की खोज की गई जो धरती के किसी न किसी रहस्य से जुड़े थे या जिनका संबंध दूर स्थित तारों से था। इसी के चलते भारत में हजारों चमत्कारिक मंदिर और स्थान निर्मित हो गए जिनको देखकर आश्चर्य होता है। हर मंदिर से जुड़ी एक कहानी है जिसपर लोग आस्था रखते हैं। ऐसा ही एक शिव मंदिर है जहां शिवलिंग में अपने आप ही होता है जलाभिषेक। 

झारखंड को राम के काल में दंडकारण्य का क्षेत्र कहा जाता था। यह उस काल में ऋषियों की तपोभूमि था। घने जंगलों से घिरे इस क्षे‍त्र में कई ऋषियों के आश्रम थे जहां देवता उनसे मिलने आते थे। इसी झरखंड के रामगढ़ जिले में एक चमत्कारिक शिवमंदिर है, जिसके बारें में कहा जाता है कि इसके चमत्कार को देखकर अंग्रेज काल में अंग्रेजों की आंखें फटी की फटी रह गई थी। इस मंदिर की कहानी और प्रसिद्धि दूर-दूर तक फैली है।

 

अगले पन्ने पर क्या है इस शिव मंदिर का चमत्कार...

 


webdunia
FILE
रामगढ़ में स्थित इस शिवमंदिर को प्राचीन मंदिर टूटी झरना के नाम से जाना जाता है। मंदिर में मौजूद शिवलिंग पर अपने-आप 24 घंटे जलाभिषेक होता रहता है। खास बात तो यह है कि यह जलाभिषेक कोई और नहीं बल्कि खुद मां गंगा अपनी हथेलियों से करती हैं। कैसे? यह एक आश्चर्य है।

दरअसल शिवलिंग के ऊपर मां गंगा की एक प्रतिमा स्थापित है जिनके नाभि से अपने-आप पानी की धारा उनकी हथेलियों से होता हुआ शिवलिंग पर गिरता है। यह आज भी रहस्य बना हुआ है कि आखिर इस पानी का स्त्रोत कहां है? माना जाता है कि इस मंदिर की जानकारी पुराणों में भी मिलती है।

इस तरह मिला यह मंदिर...


webdunia
FILE
प्राचीन मंदिर टूटी झरना को लेकर एक किंवदंति प्राचलित है कि बहुत साल पहले यहां रेलवे लाइन बिछाने के दौरान इस मंदिर के बारे में लोगों को जानकारी मिली थी।

पानी के लिए यहां खुदाई के दौरान जमीन के अंदर कुछ चीज दिखाई पड़ी। खुदाई के वक्त यहां अंग्रेज भी मौजूद थे। जब पूरी खुदाई की गई तो जमीन के अंदर शिवलिंग नजर आया, साथ ही मां गंगा की एक प्रतिमा भी मिली। अपने आप शिवलिंग पर गिर रहे जल को देखकर एक बार अंग्रेज भी आश्चर्यचकित हो गए थे।

यह पानी कहां से आ रहा है यह आज भी रहस्य बना हुआ है। गंगा की मूर्ति में कही भी कोई दूसरा सूराख नहीं है। है न आश्चर्य।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

बजरंग बली के यह दिव्य मंत्र करेंगे हर कामना पूरी