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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
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उत्तरप्रदेश के 10 बड़े धार्मिक और दर्शनीय स्थल

उत्तरप्रदेश के 10 बड़े धार्मिक और दर्शनीय स्थल

अनिरुद्ध जोशी

भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश की स्थापना ब्रिटिश शासन के दौरान 1 अप्रैल 1937 को हुई थी। तब संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध को मिलाकर तब इसे यूनाइटेड प्रोविंस कहा जाता था जो कि 1950 में बदलकर उत्तर प्रदेश हो गया। उत्तर प्रदेश पहले भारत का सबसे बड़ा राज्य हुआ करता था परंतु उत्तराखंड के अलग होने से अब राजस्थान को सबसे बड़ा राज्य माना जाता है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में ही हिन्दुओं के लगभग सभी धार्मिक और तीर्थ स्थान बसते हैं। आओ जानते हैं उत्तर प्रदेश के 10 बड़े धार्मिक और दर्शनीय स्थल।
 
 
1. काशी : विश्‍व की सबसे प्राचीन प्रसिद्ध नगरी काशी में 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा विश्‍वनाथ का ज्योतिर्लिंग है। पुरी में जगन्नाथ है तो काशी में विश्वनाथ। काशी को बनारस और वाराणसी भी कहते हैं। शिव और काल भैरव की यह नगरी अद्भुत है जिसे सप्तपुरियों में शामिल किया गया है। दो नदियों 'वरुणा' और 'असि' के मध्य बसे होने के कारण इसका नाम 'वाराणसी' पड़ा। गंगा के किनारे बसे इस नगर में देखने लायक बहुत कुछ है।
 
2. मथुरा : यमुना नदी के किनारे बसी भगवान श्रीकृष्‍ण की जन्मभूमि मथुरा के आसपास गोकुल, वृंदावन, गोवर्धन, बरसान आदि गांव बसे हैं जो कि श्रीकृष्ण के जीवन लीलाओं के स्थल है। भारत की सात प्राचीन नगरी अयोध्या, मथुरा, हरिद्वार, काशी, कांची, अवंतिका और द्वारका में से एक है मथुरा। पौराणिक साहित्य में मथुरा को अनेक नामों से संबोधित किया गया है जैसे- शूरसेन नगरी, मधुपुरी, मधुनगरी, मधुरा आदि। हरिवंश और विष्णु पुराण में मथुरा के विलास-वैभव का वर्णन मिलता है। मथुरा के आसपास 12 जंगल है और हजारों मंदिर है।
 
3. प्रयाग : गंगा के किनारे स्थित सभी तीर्थों में श्रेष्ठ है प्रयागराज। इसे पहले इलाहाबाद कहते थे। यहां गंगा और यमुना का मिलन होता है और सरस्वती को यहां अदृश्य माना गया है। त्रिवेणी के इसी स्थान पर कुंभ का आयोजन होता है क्योंकि यहां पर अमृत की बूंदें गिरी थी। यहां हजारों वर्ष से विद्यमान है अक्षयवट और सभी संतों के मठ और आश्रम। यहां प्रजापिता ब्रह्मा ने दशाश्वमेध यज्ञ किया था। प्रयाग से सारे तीर्थ उत्पन्न हुए हैं। प्रयागराज में सैंकड़ों धार्मिक स्थल है।
 
4. अयोध्या : सरयू नदी के किनारे सप्तपुरियों में से एक अयोध्या भारत की सबसे प्राचीन नगरी है जहां प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ था। कुछ विद्वानों के अनुसार प्राचीनकाल में अयोध्या कोसल क्षेत्र के एक विशेष क्षेत्र अवध की राजधानी थी इसलिए इसे 'अवधपुरी' भी कहा जाता था। हिन्दू, जैन, बौद्ध और सिख धर्म का यह प्रमुख स्थल है।  अथर्ववेद में अयोध्या को 'ईश्वर का नगर' बताया गया है।
 
5. कुशीनगर : उत्तर प्रदेश का कुशीनगर एक बौद्ध तीर्थ स्थल है। यह भी प्राचीन नगरी है जहां देखने के लिए कई धार्मिक स्थल है। यहां भगवान बुद्ध ने अपने अंतिम उपदेश दिए थे।
 
6. नैमिषारण्य : गोमती नदी के किनारे बसे इस क्षेत्र की पुराणों में बहुत चर्चा होती है। नैमिषारण्य हिंदू धर्म का एक प्राचीन और पवित्र तीर्थ स्थल है। इस बहुत ही खूबसूरत नगर में ललिता देवी मंदिर, पांडव किला और गोमती नदी के घाट देखना बहुत ही सुकून और शांति भरा है। यहां पर बड़े बड़े दानवों का भी संहार हुआ है।  
 
7. सारनाथ : प्राचीन नगर सारनाथ बौद्ध धर्म के लिए बहुत महत्व का स्थान है। सारनाथ वाराणसी शहर से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर पूर्व की दिशा में स्थित है। ऐसी मान्यता है कि भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्ति के बाद अपना प्रथम उपदेश सारनाथ में ही दिया था। बौद्ध धर्म के अलावा सारनाथ में हिंदू धर्म और जैन धर्म के बीच कई विशाल मंदिर देखने को मिलते हैं जिन्हें किसी काल में नष्ट कर दिया गया था।
 
8. देवगढ़ : यह एक जैन धार्मिक स्थल है जो उत्तरप्रदेश के मौजूदा ललितपुर जिले में स्थित है। वर्तमान में देवगढ़ में 31 प्राचीनकालीन जैन मंदिर हैं। देवगढ़ भारतीय इतिहास की अनेक घटनाओं का गवाह रहा है। देवगढ़ अपने दशावतार मंदिर के लिए भी प्रसिद्ध है। भगवान विष्णु का यह मंदिर गुप्तकालीन कला का श्रेष्ठ उदाहरण है। 
 
9. वृंदावन : मथुरा के पास‍ स्थित वृंदावन श्रीकृष्णी की लीला भूमि है। यहां पर बांके बिहारीजी का मंदिर है। इसके अलावा रंगनाथ मंदिर, केशी घाटी, मदनमोहन मंदिर, गोविंद देव मंदिर, श्रीराधा बिहारी आस्था सखी मंदिर, निधिवन, प्रेम मंदिर, हरे रामा हरे कृष्‍ण मंदिर, इस्कॉन मंदिर, पागल बाबा मंदिर आदि अनेक प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर है।
 
10. चित्रकूट : चित्रकूट वही स्थान हैं जहां भगवान राम, अनुज लक्ष्मण और देवी सीता के साथ रुके थे और यहां पर भरत ने आकर उन्हें पुन: ले जाने का विनय किया था परंतु वे यहां से श्रीराम की चरण पादुका लेकर गए थे। चित्रकूट अपनी प्राकृतिक सुंदरता और दर्शनीय स्थलों के लिए जाना जाता है। यहां पर हनुमान धारा, राम धारा, जानकी कुण्ड, कामादगिरी आदि देखने लायक स्थान है। 
 
इसके अलावा आप, लखनऊ, झांसी, आगरा, कानपुर, गोकुल, बरसाना आदि जगहों पर भी घूम सकते हो।

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