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Mandir Mystery : दिन में तीन बार रंग बदलता है शिवलिंग

Mandir Mystery : दिन में तीन बार रंग बदलता है शिवलिंग
, गुरुवार, 2 दिसंबर 2021 (16:40 IST)
Achaleshwar mahadev temple dholpur
नमस्कार! 'वेबदुनिया' के मंदिर मिस्ट्री चैनल में आपका स्वागत है। इस चैनल में हम आपको मंदिरों के अनसुलझे रहस्यों के बारे में बताते रहे हैं। इस बार हम बताते हैं आपको एक ऐसे शिवलिंग के बारे में, जो दिन में 3 बार रंग बदलता है। हे न आश्चर्य वाली बात! यह शिवलिंग राजस्थान के धौलपुर में अचलेश्वर महादेव मंदिर में स्थित है। अपने अद्भुत चमत्कार के साथ ही लोगों की मनोकामना पूर्ण करने के लिए भी महादेव के इस मंदिर का बहुत महत्व है। आओ जानते हैं इस मंदिर का रहस्य।


 
 
मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए जाते हैं यहां कुंवारे लोग ( Achleshwar mahadev mandir dholpur rajasthan )
 
1. हजारों साल पुराना है शिवलिंग : यह मंदिर धौलपुर के जंगल में स्थित है इसलिए यहां कम ही लोगों का आना-जाना रहता है। हालांकि श्रावण माह में यहां भीड़ बनी रहती है। बताया जाता है कि यह मंदिर हजारों साल पुराना है। धौलपुर से 5 किलोमीटर दूर चंबल नदी के किनारे बीहड़ों में स्थित अचलेश्वर महादेव मंदिर को करीब 1,000 वर्ष पुराना बताया जाता है, जबकि इसके शिवलिंग को हजारों साल पूराना बताया जाता है। इस मंदिर के बारे में कई किंवदंतियां जुड़ी हुई हैं।
2. मनचाहा जीवनसाथी मिलने के लिए मिलता है आशीर्वाद : यहां मान्यता है कि यहां पर अविवाहित लड़के या लड़कियां अपने मनचाहे जीवनसाथी की कामना लेकर आते हैं। कहते हैं कि अविवाहित यदि यहां पर 16 सोमवार को जलाभिषेक करते हैं तो उन्हें बहुत ही जल्द मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। इसीलिए यहां सोमवार के दिन शिवजी को जल चढ़ाने के लिए भारी भीड़ उमड़ती है। कहा जाता है कि यहां मंदिर परिसर में हनुमानजी की एक ऐसी प्रतिमा है जिसमें गणेशजी भी विराजमान हैं।
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Shiv Pujan
3. दिन में 3 बार रंग बदलता है शिवलिंग : कहते हैं कि यहां का शिवलिंग बहुत ही प्राचीन है। इस शिवलिंग की खासियत यह है कि यह शिवलिंग दिन में 3 बार अपना रंग बदलता है। सुबह के समय शिवलिंग का रंग लाल, वहीं दोपहर के समय शिवलिंग का रंग केसरिया और दिन ढलने के बाद इसका रंग सांवला हो जाता है। इस मंदिर को लेकर एक और खास बात यह भी है कि यहां मौजूद शिवलिंग के छोर के आखिरी भाग तक कोई नहीं पहुंच पाया है।
4. अभी भी है रहस्य बरकरार : स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां पर कई बार वैज्ञानिकों की रिसर्च टीमें भी आईं और जांच-पड़ताल की लेकिन चमत्कारी शिवलिंग के रहस्य से पर्दा नहीं उठ सका। पहले बीहड़ में मंदिर होने की वजह से श्रद्धालु कम आते थे। लेकिन हालात बदलने के बाद अब यहां दूर-दूर से लाखों की संख्या में भक्त आते हैं और चमत्कारी शिवलिंग की पूजा-अर्चना करते हैं।
 
 
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