आदि कैलाश यात्रा पर लगी 25 जून से अस्थाई रूप से रोक
आदि कैलाश और ओम पर्वत की यात्रा पर जाने का है प्लान तो ये है बड़ी अपडेट
उत्तराखंड में मानसून ने दस्तक देदी है। इसको ध्यान रखते हुए प्रशासन ने आदि कैलाश और ओम पर्वत की तीर्थ यात्रा से जुड़ा बड़ा फैसला लिया है। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित आदि कैलाश और ओम पर्वत की तीर्थयात्रा 25 जून से अस्थाई रूप से रोक दी जाएगी।
उच्च हिमालयी क्षेत्र में मानसून आने की वजह से तीर्थयात्रा पर जाने वालों की मुसीबत का सामने करना पड़ सकता है इसलिए लोगों की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए यह फैसला किया गया है।
कब होगी दोबारा शुरू
यात्रा के लिए बुकिंग सितंबर में दोबारा शुरू कर दी जाएगी। यात्रा 13 मई को शुरू हुई थी और अब तक करीब 600 श्रद्धालू तीर्थ यात्रा कर चुके हैं। बीते दिनों गंगोत्री, यमुनोत्री में सड़क जाम से लेकर तमाम तरह की समस्याओं की खबरें सामने आयी थीं। लेकिन अब सुचारू रूप से चार धाम यात्रा जारी है। लोग उत्साह के साथ यात्रा पर जा रहे हैं। अब तक लाखों लोग यात्रा कर वापस लौट चुके हैं।
आदि कैलाश यात्रा
आदि कैलाश उत्तराखंड की सबसे पवित्र पर्वत चोटियों में से एक है। यह पर्वत शिखर इतना पवित्र है कि इसे भारत का कैलाश पर्वत माना जाता है। आदि कैलाश को इसके दूसरे नाम से भी पुकारा जाता है और वह है छोटा कैलाश, जिसका अर्थ है छोटा कैलाश। यह पर्वत शिखर पंच कैलाश पर्वत चोटियों में से एक है। यह तिब्बत में कैलाश पर्वत के बाद दूसरी सबसे पवित्र पर्वत चोटी भी है। तीर्थयात्रियों की इस पवित्र पर्वत के प्रति गहरी श्रद्धा है और वे इसके अत्यधिक धार्मिक महत्व के लिए इसका सम्मान करते हैं।
आदि कैलाश के बारे में पौराणिक कथा
आदि कैलाश के पौराणिक संबंध ने इसे उत्तराखंड की सबसे पवित्र पर्वत चोटियों में स्थान दिया है। स्कंद पुराण के अनुसार, भगवान शिव ने पार्वती से विवाह करने के लिए रास्ते में आदि कैलाश में रुके थे। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव, उनकी पत्नी पार्वती, और उनके दो पुत्र गणेश और कार्तिकेय, उनके हजारों अनुयायियों के साथ पहाड़ पर रहते हैं। यद्यपि आप उन्हें उनके भौतिक रूप में नहीं देख सकते हैं, वे यहाँ अपने सूक्ष्म दिव्य रूप में निवास करते हैं। इस अर्थ में आदि कैलाश पर्वत शिखर उनका पार्थिव धाम है और यह कहीं और नहीं, अपितु देवभूमि उत्तराखण्ड में स्थित है।
कब होगी दोबारा शुरू
यात्रा के लिए बुकिंग सितंबर में दोबारा शुरू कर दी जाएगी. यात्रा 13 मई को शुरू हुई थी और अब तक करीब 600 श्रद्धालू तीर्थ यात्रा कर चुके हैं. बीते दिनों गंगोत्री, यमुनोत्री में सड़क जाम से लेकर तमाम तरह की समस्याओं की खबरें सामने आयी थीं. लेकिन अब सुचारू रूप से चार धाम यात्रा जारी है. लोग उत्साह के साथ यात्रा पर जा रहे हैं. अब तक लाखों लोग यात्रा कर वापस लौट चुके हैं.