Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

कैसे और कितना बड़ा बनाएं मिट्टी का शिवलिंग, जानिए पूजा के फायदे

कैसे और कितना बड़ा बनाएं मिट्टी का शिवलिंग, जानिए पूजा के फायदे

अनिरुद्ध जोशी

शिवपुराण अनुसार भगवान विष्णु ने पूरे जगत के सुख और कामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान विश्वकर्मा को अलग-अलग तरह के शिवलिंग बनाकर देवताओं को देने की आज्ञा दी। विश्वकर्मा ने अलग-अलग पदार्थो, धातु व रत्नों से शिवलिंग बनाए। जैसे पारद, मिश्री, जौं चावल, भस्म, गुड़, फल फूल, स्वर्ण रजत, बिबर मिट्टी, दही, मक्खन, हीरे, मोती, मणि, मूंगा, नाग, पार्थिव, तांबा, इंद्रनील, पुखराज, पद्मराग, पीतल, लहसुनिया, रत्न, चंदन, स्फटिक आदि से शिवलिंग बनाए गए।
 
 
सभी शिवलिंग के नाम भी अलग-अलग दिए गए और सभी का प्रभाव भी अलग-अलग बताया गया। शिवलिंग बनाने के बाद सभी की श्रेणियां भी रखी गई। जैसे, देवलिंग, असुरलिंग, अर्शलिंग, पुराणलिंग, मनुष्यलिंग, स्वयंभूलिंग। आओ जानते हैं कि मिट्टी के शिवलिंग की पूजा करने के क्या लाभ हैं।
 
1. मिट्टी के शिवलिंग को पार्थिव शिवलिंग कहा जाता है।
 
2. यह शिवलिंग मिट्टी, गऊ का गोबर, गुड़, मक्खन और भस्म मिलाकर बनाया जाता है। इस शिवलिंग के निर्माण में इस बात का ध्यान रखें कि यह 12 अंगुल से ऊंचा नहीं हो। 
 
3. इस शिवलिंग की पूजा करने से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है और सभी तरह के दु:ख दूर होकर मनोकामना पूर्ण होती है। पार्थिव पूजन से सभी प्रकार के भय दूर हो जाते हैं।
 
4. कहते हैं कि कलिकाल में कूष्मांडा ऋषि ने इस पार्थिव शिवलिंग का पूजन प्रारंभ करवाया था। 
 
5. शिव महापुराण अनुसार पार्थिव पूजन से धन, धान्य, आरोग्य और पुत्र की प्राप्ति होती है।
 
6. कलयुग में मोक्ष की प्राप्ति और व्यक्ति की मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए पार्थिव पूजन सबसे उत्तम बताया गया है।
 
7. जो भी व्यक्ति मिट्टी का शिवलिंग बनाकर पार्थिव शिवलिंग पूजन रुद्राभिषेक करता है, भगवान उसकी मनोकामना जरूर पूर्ण करते हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

हरिद्वार गंगा तट पर है गंगा मंदिर