Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

7 जुलाई 2021 : बुध प्रदोष व्रत के शुभ मुहूर्त,महत्व, मंत्र और पूजा विधि

Webdunia
Pradosh Vrat : क्या आप जानते हैं कब है जुलाई माह का पहला प्रदोष व्रत, यहाँ हमसे जानिए प्रदोष व्रत की पूरी जानकारी, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व 
 
जिस तरह एकादशी को पुण्यदायी व्रत माना गया है, उसी तरह प्रदोष को भी कल्याणकारी कहा गया है। प्रदोष व्रत हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को रखा जाता है। ये व्रत भगवान शिव को समर्पित है। माना जाता है कि प्रदोष व्रत कलयुग में शिव को प्रसन्न करने वाले खास व्रतों में से एक है।
 
जुलाई के महीने का पहला प्रदोष व्रत 7 जुलाई दिन बुधवार को है। त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष काल के समय जब भक्त भगवान शिव की आराधना करते हैं, तो भगवान शिव अत्यंत आनंदित हो जाते हैं और कैलाश पर्वत के रजत भवन में आनंदित होकर नृत्य करते हैं। 
 
एकादशी की तरह ही प्रदोष का व्रत भी महीने में दो बार आता है. ये व्रत भगवान शिव को समर्पित है और हर मनोकामना को पूर्ण करने वाला व्रत माना जाता है
 
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है। हर माह में दो बार प्रदोष व्रत आता है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। साल में कुल 24 प्रदोष व्रत आते हैं। त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस दिन विधि-विधान से भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इस व्रत को करने से भगवान शंकर की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यहां जानिए जुलाई माह के पहले प्रदोष से जुड़ी खास बातें...
 
प्रदोष व्रत कब है 
 
7 जुलाई, 2021, बुधवार को प्रदोष है। 
 
प्रदोष व्रत का क्या महत्व है? 
 
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सप्ताह के सातों दिन के प्रदोष व्रत का अपना विशेष महत्व होता है। बुधवार को आने वाले बुध प्रदोष व्रत को करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। इस व्रत को करने से संतान पक्ष को लाभ होता है।
 
प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि का पूजन मुहूर्त क्या है 
 
प्रदोष काल में की जाती है पूजा
 
प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में की जाती है। प्रदोष काल संध्या के समय सूर्यास्त से लगभग 45 मिनट पहले शुरू हो जाता है। इस बार प्रदोष काल-  शाम 07:12 बजे से 9:20 बजे तक रहेगा। 
 
क्या करें इस दिन?
 
सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
 
स्नान करने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र पहन लें।
 
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
 
अगर संभव है तो व्रत करें।
 
भगवान भोलेनाथ का गंगा जल से अभिषेक करें।
 
भगवान भोलेनाथ को पुष्प अर्पित करें।
 
इस दिन भोलेनाथ के साथ ही माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा भी करें। 
 
किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। 
 
भगवान शिव को भोग लगाएं। इस बात का ध्यान रखें भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
 
भगवान शिव की आरती करें। 
 
इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।
 
प्रदोष व्रत पूजा-सामग्री
 
अबीर
गुलाल 
चंदन
अक्षत 
फूल 
धतूरा 
बिल्वपत्र
जनेऊ
कलावा
दीपक
कपूर
अगरबत्ती
फल
 
शुभ मुहूर्त
त्रयोदशी तिथि शुरू : 07 जुलाई 2021 रात 01 बजकर 02 से
त्रयोदशी तिथि समाप्त : 08 जुलाई 2021 रात 03 बजकर 20 मिनट पर
पूजा का शुभ समय : प्रदोष काल शाम 07:12 बजे से 9:20 बजे तक
प्रदोष काल-  शाम 07:12 बजे से 9:20 बजे तक
 
बुध प्रदोष का महत्व
7 जुलाई का प्रदोष बुधवार को है, इसलिए इसे बुध प्रदोष कहा जाएगा। बुधवार का प्रदोष व्रत रखने से भगवान शिव जीवन के सभी कष्टों को दूर करते हैं, घर में सुख-समृद्धि आती है। यह व्रत संतान,सफलता,समृद्धि,सुख,स्नेह,सेहत और सुरक्षा का वरदान देता है। 
 
ऐसे करें पूजन
सुबह स्नान के बाद भगवान के समक्ष व्रत का संकल्प लें। इसके बाद निर्जला या फलाहार व्रत रखें।इसके बाद प्रदोष काल में स्नान करें और भगवान शिव का मां पार्वती के साथ पूजन करें।सबसे पहले महादेव और मां पार्वती का जल से अभिषेक करें। उसके बाद उन्हें धूप, दीप अक्षत, रोली, मिठाई और पुष्प आदि अर्पित करें।भगवान को आक के फूल और बेलपत्र अर्पित करें। मातारानी को चुनरी और सुहाग का सामान चढ़ाएं। इसके बाद प्रदोष व्रत की कथा पढ़ें और आरती करें।
 
मंत्र
 
ॐ नमः शंभवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च 
मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च।।
 -यजुर्वेद 
 
जो सर्व कल्याणकारी है ,उसे प्रणाम ; जो सभी को सर्वोत्तम सुख देनेवाला है ,उसको प्रणाम ;जो सभी का मंगल करने वाला है ,उसको प्रणाम जो सर्व का सत्कार करने वाला है... उसको प्रणाम। 
 

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

परीक्षा में सफलता के लिए स्टडी का चयन करते समय इन टिप्स का रखें ध्यान

Shani Gochar 2025: शनि ग्रह मीन राशि में जाकर करेंगे चांदी का पाया धारण, ये 3 राशियां होंगी मालामाल

2025 predictions: वर्ष 2025 में आएगी सबसे बड़ी सुनामी या बड़ा भूकंप?

Saptahik Panchang : नवंबर 2024 के अंतिम सप्ताह के शुभ मुहूर्त, जानें 25-01 दिसंबर 2024 तक

Budh vakri 2024: बुध वृश्चिक में वक्री, 3 राशियों को रहना होगा सतर्क

सभी देखें

धर्म संसार

मार्गशीर्ष अमावस्या पर करते हैं सत्यनारायण भगवान की कथा, जानिए पूजा विधि

Guru Pradosh Vrat 2024: गुरु प्रदोष व्रत आज, जानें कथा, महत्व, पूजा विधि और समय

Aaj Ka Rashifal: आज किन राशियों को मिलेगी हर क्षेत्र में सफलता, पढ़ें 28 नवंबर का राशिफल

प्रयागराज में महाकुंभ की तैयारियां जोरों पर, इन देशों में भी होंगे विशेष कार्यक्रम

प्रयागराज में डिजिटल होगा महाकुंभ मेला, Google ने MOU पर किए हस्‍ताक्षर

આગળનો લેખ
Show comments