Chanakya Niti: अतिथि का अर्थ है तो तिथि बताए बगैर आपके घर आ गया हो। यानी अचानक से आपके घर आ जाए। अतिथि के आने का कारण हो सकता है लेकिन कई लोग ऐसे होते हैं तो बिना किसी कारण के किसी के यहां चले जाते हैं। ऐसे में 3 तरह के नुकसान होते हैं।
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अपमान होगा
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खुशी नहीं मिलेगी
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तरक्की रुक जाएगी और परेशनियां खड़ी होगी
यस्मिन देशे न सम्मानो न वृत्तिर्न च बांधव:।
न च विद्यागमोऽप्यस्ति वासस्तत्र न कारयेत्।- चाणक्य नीति
1. चाणक्य के अनुसार बिना किसी कारण के किसी के घर जाने से आपका अपमान हो सकता है। बिना बुलावे कहीं पर भी नहीं जाना चाहिए। किसी बुलावे या काम से ही किसी के घर जाना चाहिए।
2. चाणक्य के अनुसार बिना किसी कारण के कोई आपके घर आ जाए जो आपका अपमान होता है।
3. यदि कोई व्यक्ति बिना बुलावा या कारण के दूसरे के घर में रहता है तो इससे वह भी खुश नहीं रहता है और जिसके यहां रह रहे हैं वे भी खुश नहीं रहते हैं।
4. आचार्य चाण्य के अनुसार बिना कारण या बुलावे के जाने वाले के जीवन में कई तरह की परेशानियां खड़ी होती हैं।
5. दूसरों के घर बिना बुलाए या बिना कारण के जाने से व्यक्ति की स्वतंत्रता खत्म हो जाती है।
6. आप जिस जगह पर रहते हैं वहां यदि आपको मान सम्मान न मिले बल्कि अनादर हो तो ऐसी जगह पर रहने का कोई मतलब नहीं। तरक्की की पहली शर्त ही है उचित सम्मान। छवि खराब है या छवि खराब करने वाले लोगों के बीच रह रहे हैं तो आप सफल नहीं हो सकते।