लखनऊ। राजधानी लखनऊ के अलीगंज थाना क्षेत्र में कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार और तेजाब हमले की शिकार हो चुकी एक महिला पर कथित रूप से एक बार फिर तेजाब डाले जाने की खबर है।
कथित पीड़ित महिला के मुताबिक यह घटना शनिवार रात उस हॉस्टल के पास हुई, जहां वह रहती है। करीब 45 वर्षीय इस महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत स्थिर बताई जाती है।
उसके चेहरे और गले पर जले का निशान हैं। हालांकि अभी इस मामले में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है और पुलिस तहरीर का इंतजार कर रही है। मामले की जांच की जा रही है। इस बीच, प्रदेश की महिला एवं परिवार कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि हॉस्टल में एक गार्ड था और छत पर कुछ लड़कियां भी थीं, लेकिन उन्होंने किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को नहीं देखा। बहरहाल, यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि इसी महिला को तेजाब पिलाने के मामले में जिन लोगों की नामजदगी की गई थी, उन्हें पुलिस ने अनौपचारिक रूप से बैठाया हुआ है। जांच चल रही है। पुलिस और हमारा विभाग तत्पर है।
इस घटना को लेकर सपा ने प्रदेश की भाजपा सरकार को कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर घेरा। उसने कहा कि ये भाजपा के लोग पिछली सपा सरकार के कार्यकाल में कानून-व्यवस्था को लेकर खूब हो-हल्ला मचाते थे, अब वे नियंत्रण खो चुके हैं और प्रदेश में अराजक तत्वों का शासन हो गया है। कांग्रेस नेता देवेन्द्र प्रताप सिंह ने भी भाजपा सरकार पर ऐसी वारदात रोकने में नाकाम होने का आरोप लगाया।
हालांकि पुलिस इस वारदात को संदिग्ध मान रही है। उसका कहना है कि किसी ने भी हमलावर को तेजाब फेंककर भागते हुए नहीं देखा। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि न तो हॉस्टल की वार्डन और न ही किसी लड़की ने हमलावर को देखा। हम पीड़ित का बयान लेने की कोशिश कर रहे हैं।
इससे पहले गत 23 मार्च को इसी महिला को ट्रेन में 2 लोगों ने कथित रूप से जबरन तेजाब पिला दिया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अस्पताल जाकर उसका हालचाल पूछा था और आरोपियों को गिरफ्तार करने के आदेश देने के साथ-साथ महिला को 1 लाख रुपए की सहायता का ऐलान किया था।
उसके बाद उसे सुरक्षा उपलब्ध कराई गई थी लेकिन उसकी सुरक्षा में तैनात कांस्टेबल संदीप भी इस ताजा घटना के बारे में कुछ नहीं बता पा रहा है। उसका कहना है कि महिला की चीख सुनकर वह मौके पर पहुंचा, मगर उसने किसी को भी भागते हुए नहीं देखा।
मार्च में अपने साथ कथित रूप से हुई वारदात के बारे में महिला का कहना था कि उसके साथ वह घटना तब हुई थी, जब वह इलाहाबाद लखनऊ गंगा-गोमती एक्सप्रेस से चारबाग स्टेशन पहुंची थी। उसने खुद को तेजाब पिलाए जाने का आरोप लगाते हुए रेलवे पुलिस को शिकायत दर्ज कराई थी।
उसने यह शिकायत लिखकर दी थी, क्योंकि वह कथित रूप से तेजाब पिलाए जाने की वजह से बोल नहीं पा रही थी। महिला का आरोप था कि ट्रेन में 2 लोगों ने उसे जबरन तेजाब पिलाया था और उसका कहना था कि 2 लोगों ने वर्ष 2009 में रायबरेली के ऊंचाहार स्थित उसके घर में संपत्ति के विवाद को लेकर उससे सामूहिक बलात्कार किया था। वर्ष 2012 में इसी महिला पर चाकू से हमला किया गया था और 2013 में भी उसे तेजाब से जलाने की कथित कोशिश की गई थी। (भाषा)