देहरादून। उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूरी, भगतसिंह कोश्यारी और रमेश पोखरियाल निशंक मार्गदर्शक की भूमिका में ही नजर आएंगे। पार्टी प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों पर दांव नहीं लगाना चाहती है, बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता के साथ चुनाव मैदान में जाने की तैयारी में है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार खंडूरी, कोश्यारी और निशंक को विधानसभा का टिकट नहीं मिलेगा। भाजपा के भीतर यह बात पक्की मानी जा रही है कि प्रदेश में पार्टी के किसी सांसद को विधानसभा चुनाव में नहीं उतारा जाएगा।
इससे भाजपा के तीनों पूर्व मुख्यमंत्री सीधे तौर पर चुनाव की जंग से बाहर हो जाएंगे हालांकि अन्य प्रत्याशियों को चुनावी मार्गदर्शन करने का जिम्मा तीनों पर रहेगा। पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चन्द्र खंडूरी गढ़वाल, भगत सिंह कोश्यारी नैनीताल और रमेश पोखरियाल निशंक हरिद्वार से सांसद हैं।
पार्टी यह दांव प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर खेलना चाहती है। प्रदेश के घर-घर से सेना में जवान हैं इसलिए भाजपा यहां पर लक्षित हमले को भी एक उपलब्धि के तौर पर पेश कर सकती है। देहरादून की जनसभा में मोदी ने उत्तराखंड की जनता से डबल इंजन की सरकार चुनने की अपील की थी। विकास का डबल इंजन भाजपा का चुनावी नारा बनने जा रहा है। भाजपा नेतृत्व की ओर से राज्य के टिकटों पर मंथन किया जा रहा है।
पार्टी ने बताया कि करीब 50 सीटों पर स्थिति साफ हो चुकी है। मकर संक्रांति पर ये टिकट फाइनल हो सकते हैं। पार्टी बाकी टिकट भी 18 जनवरी तक फाइनल कर सकती है। उत्तराखंड में नामांकन की प्रक्रिया 20 जनवरी से शुरू हो रही है। (वार्ता)