लखनऊ। अभी भाजपा शासित तीन राज्यों के चुनाव परिणामों को देखकर भी उत्तरप्रदेश की नौकरशाही नहीं चेत रही है। बुधवार को मुख्यमंत्री के कार्यालय लोकभवन में आधा दर्जन से अधिक भाजपा विधायक मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव से मिलने के लिए डेढ़ घंटे से अधिक समय तक उनके कार्यालय के बाहर उनसे मिलने का इंतजार करते रहे।
जब विधायकों के सब्र का बांध टूटने लगा तो उन्होने हंगामा करना शुरू कर दिया और मीड़िया को बुलाने की मांग करने लगे। हंगामा बढ़ता देख मुख्यमंत्री के एक ओएसडी ने मामला शांत कराने की कोशिश की और किसी तरह विधायकों को मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव से मिलवाया तब कहीं जाकर मामला ठंडा पड़ा।
विधायकों को पता चला कि प्रमुख सचिव के कार्यालय के भीतर एक सीडीओ (जिला विकास अधिकारी) प्रमुख सचिव से चर्चा में व्यस्त थीं। सूत्रों ने बताया कि तिलहर शाहजहांपुर के भाजपा विधायक रोशनलाल वर्मा व जिले के अन्य विधायक मानवेन्द्रसिंह (ददरौल), वीर विक्रम सिंह (कटरा) व 10-15 अन्य विधायक कल मंगलवार से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रमुख सचिव एसपी गोयल से मिलना चाहते थे। घंटों इंतजार करने के बाद भी जब उन्हें निराशा हाथ लगी तो आज फिर उन्होंने प्रमुख सचिव सचिव से मिलने का प्रयास किया।
दरअसल, तिलहर विधायक रोशनालाल वर्मा जिले में स्वीकृत किए गए 11 करोड़ 54 लाख रुपए के पुल का काम शुरू कराने के लिए दर-दर भटक रहे हैं क्योंकि पुल स्वीकृत होने के बावजूद उसका काम शुरू नही हो पा रहा है। उनकी कहीं कोई सुनवाई नही हो रही है। अन्ततः उन्होंने मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव से मिलना श्रेयस्कर समझा किन्तु वे उनसे न मिल सके।
पता चला कि प्रमुख सचिव के कमरे के अंदर शाहजहांपुर की सीडीओ प्रेरणा शर्मा व्यस्त थीं। सबसे अहम बात यह कि विधायक शाहजहांपुर की सीडीओ की शिकायत मुख्यमंत्री से करना चाहते थे। शाहजहांपुर की सीडीओ विधायक निधि से कार्य कराने के लिए ग्राम प्रधान से प्रस्ताव मांग रही हैं, इससे जिले के विधायक असंतुष्ट हैं।
जब मुख्यमंत्री कार्यालय में विधायकों का शोर जोर पकड़ने लगा तो मुख्यमंत्री के ओएसडी अभिषेक कौशिक ने पहल कर विधायकों की मीटिंग प्रमुख सचिव से आखिर करा ही दी। सीडीओ की शिकायत करने पहुंचे विधायकों को पता चला कि अंदर शाहजहांपुर की सीडीओ प्रेरणा शर्मा मौजूद हैं तो उनका गुस्सा हवा हो गया। सीडीओ शिकायतकर्ता विधायकों से बीस ही निकलीं।