Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

उत्तराखंड राज्य निर्माण के लिए आंदोलन करने वालों के परिजनों को मिलेगी पेंशन

उत्तराखंड राज्य निर्माण के लिए आंदोलन करने वालों के परिजनों को मिलेगी पेंशन

निष्ठा पांडे

, शुक्रवार, 3 सितम्बर 2021 (00:03 IST)
देहरादून। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी चिन्हीकरण की तिथि को 31 दिसंबर 2021 तक बढ़ा दिया गया है। चिन्हित राज्य आंदोलनकारी जिन्हें 3100 रुपए प्रतिमाह पेंशन तय की गई है, आंदोलनकारियों की मृत्यु के पश्चात उनके आश्रितों (पति या पत्नी) को भी प्रदान की जाएगी।

विभिन्न विभागों में कार्यरत राज्य आंदोलनकारियों को सेवा से हटाए जाने के उच्च न्यायालय के आदेश पर राज्य सरकार पुनर्विचार याचिका दाखिल कर ठोस पैरवी करेगी। उद्योगों में नौकरी के लिए भी राज्य आंदोलनकारियों को प्राथमिकता के लिए समुचित व्यवस्था की जाएगी। राजकीय अस्पतालों की तरह मेडिकल कॉलेजों में भी राज्य आंदोलनकारियों का निःशुल्क इलाज किया जाएगा।

यह घोषणा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज मसूरी गोलीकांड की 27वीं बरसी पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री केन्द्रीय रक्षा और पर्यटन राज्यमंत्री अजय भट्ट के साथ मसूरी शहीद स्थल पहुंच शहीदों को श्रद्धांजलि देने के दौरान की। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने मसूरी में शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर शहीद राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि दी।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य निर्माण के लिए मसूरी गोलीकांड में बेलमती चौहान, हंसा धनई, बलवीर सिंह नेगी, धनपत सिंह, मदन मोहन ममगाई, राय सिंह बंगारी ने अपने प्राणों की आहुति दे दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के राज्य आंदोलनकारियों के बलिदान के कारण ही हमें उत्तराखंड नया राज्य मिला।

सितंबर 1994 को मसूरी के इतिहास का काला दिन माना जाता है। इस दिन पुलिस ने शांतिपूर्ण आंदोलन कर मौन जुलूस निकाल रहे राज्य आंदोलनकारियों पर गोलियां चला दी थीं। जिसमें  छह लोगों सहित एक पुलिस अधिकारी भी शहीद हुए थे। आंदोलनकारी मसूरी में गढ़वाल टैरेस से जुलूस लेकर उत्तराखंड संयुक्त संघर्ष समिति के कार्यालय झूलाघर जा रहे थे।

किसी ने अचानक गनहिल की पहाडी से पथराव कर दिया, जिससे बचने के लिए आंदोलनकारी अपनी सुरक्षा ढूंढ रहे थे कि अचानक पुलिस ने आंदोलनकारियों पर गोलियां चला दीं। इसमें छह आंदोलनकारियों की मौके पर ही मौत हो गई।

साथ ही सैंट मैरी अस्पताल के बाहर पुलिस के सीओ उमाकांत त्रिपाठी की भी मौत हो गई थी। गोलीकांड में राज्य आंदोलनकारी मदन मोहन ममगाई, हंसा धनाई, बेलमती चौहान, बलवीर नेगी, धनपत सिंह, राय सिंह बंगारी शहीद हो गए थे।
webdunia

उत्तराखंड में सी-ग्रेड सेब फलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित : उत्तराखंड शासन ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए सी-ग्रेड सेब फलों के विपणन हेतु दस रुपए प्रति किलोग्राम न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित कर दिया है। चमोली के मुख्य उद्यान अधिकारी तेजपाल सिंह ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष के लिए सी-ग्रेड सेब फलों के विपणन के लिए 10 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया है।

जिला उद्यान विभाग द्वारा हेलंग, जोशीमठ, तपोवन, मलारी तथा घेस में सेब के लिए क्रय एवं संग्रह केन्द्र बनाए गए हैं। फल उत्पादन क्षेत्र में बनाए गए इन केन्दों पर सी-ग्रेड सेब फलों का उपार्जन 15 अगस्त से 31 अक्टूबर 2021 की अवधि तक रहेगा। निर्धारित शर्तों के अनुसार फलों का उपार्जन केवल उद्यानपतियों से किया जाएगा। आढ़तिए एवं बिचौलिए इसमें शामिल नहीं होंगे।
ALSO READ: उत्तराखंड के कुमाऊं में लोक उत्सव आठों पर्व की धूम, कैसे शुरू हुई परंपरा, पढ़ें कथा
कृषकों से उपार्जित फलों के सापेक्ष उन्हें चैक के माध्यम से औपचारिकताएं पूर्ण करने पर भुगतान किया जाएगा। उद्यानपतियों से ओले के दाग वाले फल भी लिए जाएंगे, परंतु सड़े-गले फलों तथा 50 मिमी व्यास से कम वाले सी-ग्रेड फलों का उपार्जन नहीं किया जाएगा।
ALSO READ: यहां कभी सड़क होती थी... उत्तराखंड में शुरू होगा गड्‍ढा भरो अभियान
इसके साथ ही फलों के तुड़ाई के उपरान्त श्वसन क्रिया से फलों के वजन में होने वाली कमी के दृष्टिगत क्रय करते समय क्षतिपूर्ति के लिए 2.5 प्रतिशत अधिक वजन लिया जाएगा। मुख्य उद्यान अधिकारी ने सभी संग्रह/क्रय केन्द्रों पर अधीनस्थ कर्मचारियों की तैनाती भी कर दी है।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

गिलानी की मौत पर ‍पाकिस्तान में 'मातम', भारत ने कहा- जो चाहे करे, हम क्या कह सकते हैं...