पटना। बिहार की राजधानी पटना के सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर उस समय अचंभित रह गए जब उन्हें पता चला कि आधी रात के बाद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव पहुंचे हैं। डिप्टी सीएम ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए 60 दिनों का लक्ष्य रखा है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली में मंगलवार को जब विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात कर रहे थे, उपमुख्यमंत्री यादव यहां प्रशासनिक कार्यों को लेकर सक्रिय दिखे। यादव ने देर रात जिन अस्पतालों में औचक निरीक्षण किया उनमें गार्डिनर रोड और गर्दनीबाग बाग के अस्पतालों के अलावा राज्य का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल पीएमसीएच शामिल है।
ट्रैक सूट और टोपी पहने तथा चेहरे पर मास्क लगाए हुए यादव अस्पताल परिसर के अंदर साफ-सफाई की कमी, दवाओं की सही ढंग से उपलब्धता नहीं होने और रात में ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों की अपने कर्तव्य के प्रति स्पष्ट उदासीनता से नाराज दिखे और उन्हें यह कहते हुए सुना गया कि सभी कमियों पर ध्यान दें। हम विभाग की समीक्षा बैठक में कार्रवाई करेंगे।
स्वास्थ्य विभाग के शीर्ष अधिकारी, सभी जिलों के सिविल सर्जन, बिहार के सभी मेडिकल कॉलेजों के मेडिकल अधीक्षक और उपाधीक्षक के साथ बुधवार को विभाग की समीक्षा बैठक करने के बाद यादव ने कहा कि हमने सभी को स्वास्थ्य विभाग से संबंधित अपने नेक इरादों और स्पष्ट लक्ष्य से अवगत करा दिया है।
उन्होंने कहा कि बिहार के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, जिला सदर अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में स्वास्थ्य सेवा में सुधार का 60 दिनों का लक्ष्य दिया गया है। इसमें सफ़ाई, दवाई, सुनवाई और कारवाई सुनिश्चित करना शामिल है। किसी भी प्रकार की कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
यादव ने कहा कि जिला सदर एवं बड़े अस्पतालों में 24 घंटे उचित स्टाफ के साथ हेल्प डेस्क और शिकायत डेस्क स्थापित करने का आदेश दिया गया है, जिसमें मरीज़ों के भर्ती होने से लेकर, एंबुलेंस, शव वाहन, रेफरल मरीज को सहज एवं सरल सुविधा प्रदान करने के साथ-साथ मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया को भी सुगम बनाने का निर्देश दिया है।