Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

Kanpur Shootout : यूपी सरकार ने किया SIT का गठन, खुलेगा विकास दुबे के अपराधों का काला चिट्ठा, मददगार होंगे बेनकाब

Webdunia
शनिवार, 11 जुलाई 2020 (20:40 IST)
लखनऊ। कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या में शामिल गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद यूपी की योगी सरकार ने उसके अपराधों का कच्चा चिट्ठा खोलने और उसके सहयोगियों को बेनकाब करने के लिए विशेष अनुसंधान दल (SIT) का गठन किया है।
 
उत्तरप्रदेश के अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया गया है। अपर पुलिस महानिदेशक हरिराम शर्मा और पुलिस उप महानिरीक्षक जे. रवींद्र गौड़ को सदस्य बनाया गया है। शासन ने 31 जुलाई तक जांच रिपोर्ट तलब की है।
 
विकास दुबे शुक्रवार सुबह कानपुर के पास उस समय पुलिस की गोली से मारा गया जब वह उसे उज्जैन से लेकर आ रही गाड़ी के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद भागने की कोशिश कर रहा था। 
 
पुलिस ने अलग-अलग मुठभेड़ों में दुबे के 2 कथित सहयोगियों अमर दुबे और प्रभात मिश्रा को भी मार दिया था। विकास दुबे पर 60 से अधिक आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। विकास दुबे पर राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की थाने के भीतर हत्या का भी आरोप था।
 
बड़े आपराधिक इतिहास वाले अपराधी की जमानत रद्द करने की दिशा में क्या कार्रवाई की गई? इन सवालों के जवाब एसआईटी ढूंढेगी। एसआईटी 8 पुलिसकर्मियों की मौत से जुड़े विभिन्न पहलुओं, विकास दुबे को संरक्षण देने वालों और पुलिसकर्मियों से उसके संबंधों की जांच करेगी। 
 
महाराष्ट्र में 2 साथी गिरफ्तार : महाराष्ट्र पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के दो फरार सहयोगियों को महाराष्ट्र के ठाणे से गिरफ्तार किया है।

दुबे का सहयोगी अरविंद उर्फ गुड्डन रामविलास त्रिवेदी (46) कानपुर जिले में कुख्यात अपराधी के घर छापेमारी के दौरान 8 पुलिसकर्मियों की हत्या में संलिप्त था।
 
एटीएस के पुलिस अधीक्षक विक्रम देशमाने ने कहा कि त्रिवेदी और उसके चालक सुशील कुमार उर्फ सोनू तिवारी (30) को ठाणे शहर के कोलशेट इलाके से गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा कि बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने के बाद दुबे एवं अन्य के साथ त्रिवेदी भी फरार हो गया था।
 
एनजीओ ने दाखिल की याचिका : सुप्रीम कोर्ट में शनिवार को एक एनजीओ ने उत्तरप्रदेश में कुख्यात अपराधी विकास दुबे और उसके दो साथियों के मारे जाने के मामले में एसआईटी जांच की मांग करते हुए कहा था कि मुठभेड़ के मामले में पुलिस के बयान कई गंभीर सवाल उठाते हैं।
 
एनजीओ ने वकील अपर्णा भट्ट के माध्यम से दाखिल याचिका में घटनाक्रम का जिक्र किया और कहा कि मुठभेड़ को लेकर पुलिस के बयान कई गंभीर सवाल उठाते हैं। इसमें कहा गया कि पुलिस द्वारा एनकाउंटर गंभीर अपराध है और पूरे समाज के खिलाफ जुर्म है।
 
पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज ने जनवरी 2017 से मार्च 2018 के बीच उत्तरप्रदेश में पुलिस मुठभेड़ों के मामले में एसआईटी या सीबीआई जांच की मांग करते हुए शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल की थी। 
 
उसने अपने लंबित जनहित याचिका में एक नई अंतरिम याचिका दाखिल की है और अदालत से अपराधियों तथा नेताओं के बीच साठगांठ तथा मुठभेड़ों की जांच के लिए न्यायालय के एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति बनाने का अनुरोध किया था। (एजेंसियां)

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

महाराष्ट्र चुनाव : NCP शरद की पहली लिस्ट जारी, अजित पवार के खिलाफ बारामती से भतीजे को टिकट

कबाड़ से केंद्र सरकार बनी मालामाल, 12 लाख फाइलों को बेच कमाए 100 करोड़ रुपए

Yuvraj Singh की कैंसर से जुड़ी संस्था के पोस्टर पर क्यों शुरू हुआ बवाल, संतरा कहे जाने पर छिड़ा विवाद

उमर अब्दुल्ला ने PM मोदी और गृहमंत्री शाह से की मुलाकात, जानिए किन मुद्दों पर हुई चर्चा...

सिख दंगों के आरोपियों को बरी करने के फैसले को चुनौती, HC ने कहा बहुत देर हो गई, अब इजाजत नहीं

सभी देखें

नवीनतम

cyclone dana live : CM मोहन माझी बोले, शून्य मानवीय क्षति का मिशन सफल

cyclone dana से जनजीवन प्रभावित, 500 से ज्यादा ट्रेनों और 300 उड़ानों पर पड़ा असर

जर्मनी का आधा मंत्रिमंडल इस समय भारत में

weather update : चक्रवात दाना का कहर, 3 राज्यों में भारी बारिश

NCP अजित पवार गुट में शामिल हुए जिशान सिद्दीकी, बांद्रा पूर्व से लड़ेंगे चुनाव

આગળનો લેખ
Show comments