शैलजा मर्डर केस में हुए एक सनसनीखेल खुलासे के अनुसार मेजर निखिर हाड़ा ने एक फर्जी फेसबुक अकाउंट की मदद से शैलजा समेत चार महिलाओं को फंसाया था। इस अकाउंट पर वह खुद को बिजनेसमैन बताकर महिलाओं से दोस्ती करता था।
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार, फर्जी फेसबुक अकाउंट के जरिए ही उसने 2015 में शैलजा से दोस्ती की थी। उस समय उसकी पोस्टिंग जम्मू कश्मीर में थी। 6 महीने के बाद उसने अपनी असली पहचान जाहिर की थी, जब शैलजा ने उससे मिलने के लिए हामी भरी थी।
पुलिस को निखिल हांडा के पास से 2 फोन मिले। फोन की जांच के बाद पता चला कि शैलजा के अलावा हांडा दिल्ली की 3 और महिलाओं के टच में था। पुलिस इस मामले में इन तीनों से भी पूछताछ कर सकती है।
सूत्रों के अनुसार फिर उसका ट्रांसफर मेरठ हो गया था, हालांकि उसने अपील की कि उसे नगालैंड के दिमापुर ट्रांसफर कर दिया जाए। दिमापुर में वह शैलजा से लगातार मिलने लगा और फिर शैलजा ने उसे अपने पति से मिलवाया। शैलजा ने उसे अपने घर पार्टी में भी बुलाया था।
कॉल डिटेल से पता चला कि मेजर निखिल हांडा ने शैलजा द्विवेदी को छह महीने में तीन हजार बार कॉल किए थे। हांडा ने पुलिस को बताया कि शैलजा ने उसे पीछा न छोड़ने पर सेना के अफसरों से शिकायत करके कोर्ट मार्शल करवाने की धमकी दी थी। इस पर उसने शैलजा की हत्या कर दी।