Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

उत्तराखंड : पर्यटन क्षेत्र में लें प्रवासियों के अनुभव का लाभ, पलायन आयोग ने दिया सुझाव

निष्ठा पांडे
रविवार, 6 जून 2021 (00:18 IST)
देहरादून। कोरोनावायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर के बाद उत्तराखंड के गांवों में लौटने वाले प्रवासियों में 39.4 फीसदी ऐसे हैं, जो देश के विभिन्न शहरों में निजी कंपनियों अथवा आतिथ्य क्षेत्र में कार्यरत थे। ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग की ओर से सरकार को सौंपी गई अध्ययन रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। पलायन से सर्वाधिक प्रभावित पौड़ी व अल्मोड़ा जिलों में ही सबसे ज्यादा प्रवासी लौटे हैं। इसके लिए विभागों की योजनाओं में वर्तमान परिस्थितियों के हिसाब से बदलाव पर भी जोर दिया गया है।

पिछले साल कोरोना संक्रमण की पहली लहर के बाद सितंबर तक प्रदेश के गांवों में 357536 प्रवासी वापस लौटे थे। हालांकि परिस्थितियां सुधरने पर इनमें से करीब आधे फिर पलायन कर गए। अब कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर तेज होने पर अप्रैल से प्रवासियों की वापसी का क्रम शुरू हुआ है।

पलायन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल से पांच मई तक विभिन्न राज्यों से ग्रामीण अंचलों में 53092 प्रवासी वापस लौटे। इनमें 39.4 फीसदी निजी कंपनियों में नौकरी व आतिथ्य क्षेत्र, 12.9 फीसदी विद्यार्थी, 12.1 फीसदी गृहिणी, 11.1 फीसदी श्रमिक, 5.4 फीसदी बेरोजगार, 4.0 फीसदी स्वरोजगार और 3.3 फीसदी तकनीकी क्षेत्र से जुड़े थे।

आयोग ने प्रवासियों को गांवों में ही रोके रखने के लिए उनके आर्थिक पुनर्वास के लिए विशेष कार्यक्रम संचालित करने का सुझाव दिया है। साथ ही कहा है कि इससे पर्वतीय जिलों में ग्रामीण विकास सुदृढ़ होने के साथ ही सामाजिक एवं आर्थिक परिस्थितियां सुधरेंगी। इस प्रक्रिया से ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका के अवसर उपलब्ध तो होंगे ही, मूलभूत सुविधाओं में भी इजाफा होगा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि गांव लौटे प्रवासी आतिथ्य एवं अन्य सेवा क्षेत्र में काफी अनुभवी हैं। इनका लाभ होम स्टे, ईको टूरिज्म, साहसिक पर्यटन समेत अन्य क्षेत्रों में मिल सकता है। इससे वे अनुभव के आधार पर अपने जिले में ही रहकर आजीविका के अवसर सृजित कर सकते हैं।

इसके साथ ही राज्य, जिला, तहसील व ब्लाक स्तर पर प्रवासियों की मदद के लिए विशेष प्रकोष्ठ बनाने का सुझाव दिया गया है। यह प्रकोष्ठ और पलायन आयोग के साथ प्रवासियों के पुनर्वास से संबंधित कार्यों का समन्वय भी करेगी।

आयोग ने रिपोर्ट में कहा है कि प्रवासियों से व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर उनके अनुभव, रुचि व आवश्यकताओं के बारे में जानकारी ली जानी आवश्यक है। इसके आधार पर संबंधित व्यक्ति अथवा समूह के लिए रणनीति बनाई जानी चाहिए।

इसके अलावा आतिथ्य क्षेत्र, ईको टूरिज्म, लघु उद्यम आदि के लिए ब्याजमुक्त ऋण, सब्सिडी, सस्ती दर पर बिजली की उपलब्धता, वीरचंद्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना, एमएसएमई, रोजगार सृजन योजना जैसी योजनाओं में अतिरिक्त बजट का प्रावधान करना आवश्यक है। उधर, पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एस एस नेगी ने सरकार को रिपोर्ट सौंपे जाने की पुष्टि की।

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

Bomb threat : 50 उड़ानों में बम की धमकी मिली, 9 दिन में कंपनियों को 600 करोड़ का नुकसान

महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी के बीच सीटों का फॉर्मूला तय

गुरमीत राम रहीम पर चलेगा मुकदमा, सीएम मान ने दी अभियोजन को मंजूरी

Gold Silver Price Today : चांदी 1 लाख रुपए के पार, सोना 81000 के नए रिकॉर्ड स्तर पर

दो स्‍टेट और 2 मुख्‍यमंत्री, क्‍यों कह रहे हैं बच्‍चे पैदा करो, क्‍या ये सामाजिक मुद्दा है या कोई पॉलिटिकल गेम?

सभी देखें

नवीनतम

तुर्किये की राजधानी अंकारा में बड़ा आतंकी हमला, कई लोगों की मौत

Maharashtra Election : शिवसेना UBT ने जारी की पहली लिस्ट, 65 उम्मीदवारों का किया ऐलान

Modi-Jinping Meeting : 5 साल बाद PM Modi -जिंनपिंग मुलाकात, क्या LAC पर बन गई बात

Pakistan : त्यौहारों से पहले हिंदू और सिख परिवारों को मिलेगी नकद राशि, पंजाब प्रांत की सरकार ने किया ऐलान

जज साहब! पत्नी अश्लील वीडियो देखती है, मुझे हिजड़ा कहती है, फिर क्या आया कोर्ट का फैसला

આગળનો લેખ
Show comments