मुंबई। दिव्यांग महिला को शादी के पंजीकरण के लिए मुंबई के खार में विवाह पंजीयक के दूसरी मंजिल पर स्थित कार्यालय में जाने के लिए मजबूर करने के मामले में एक विवाह अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है।
महाराष्ट्र राजस्व विभाग ने बुधवार को एक सरकारी प्रस्ताव (GR) जारी कर अधिकारी अरुण घोडेकर को निलंबित कर दिया।
व्हीलचेयर का उपयोग करने वाली और खुद को दिव्यांग अधिकार कार्यकर्ता बताने वाली विराली मोदी ने पिछले हफ्ते सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में दावा किया था कि उन्हें उनकी शादी के दिन शहर में विवाह पंजीयक (रजिस्ट्रार) के दूसरी मंजिल स्थित कार्यालय जाना पड़ा। उन्होंने कहा कि इमारत में कोई लिफ्ट नहीं थी और अधिकारियों ने औपचारिकताएं पूरी करने के लिए नीचे आने से इनकार कर दिया।
उन्होंने पूछा कि यह कैसे उचित है? सुगम्य भारत अभियान का क्या हुआ? सिर्फ इसलिए कि मैं व्हीलचेयर का इस्तेमाल करती हूं, क्या मुझे उस व्यक्ति से शादी करने का अधिकार नहीं है जिससे मैं प्यार करती हूं? अगर कोई फिसल गया होता तो क्या होता और अगर मैं अपनी शादी के दिन गिर जाती तो क्या होता? कौन जिम्मेदार है?
कई बार साझा किए गए पोस्ट पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की प्रतिक्रिया भी आई थी और उन्होंने घटना पर खेद जताया था। उन्होंने सुधारात्मक एवं उचित कार्रवाई करने का आश्वासन भी दिया।
जीआर में राज्य के राजस्व विभाग ने कहा कि सरकारी अधिकारी घोडेकर ने जोर देकर कहा कि दिव्यांग महिला अपने और अपने पति की उंगलियों के निशान एवं तस्वीरें कंप्यूटर पर दर्ज कराने के लिए दूसरी मंजिल पर आए।
इसमें कहा गया कि विशेष विवाह अधिनियम 1954 में ऐसे प्रावधान हैं जहां विवाह अधिकारी को विवाह पंजीकरण कार्यालय से उचित दूरी पर विवाह स्थल पर जाना होगा। सरकारी अधिकारियों को जवाब देना होगा और कमजोर वर्गों को सेवा प्रदान करनी होगी।
जीआर में कहा गया कि विराली मोदी और उनके पति क्षितिज नायक के करीबी लोगों ने घोडेकर को फोन किया और उनसे विवाह पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करने के लिए नीचे आने का अनुरोध किया। लेकिन घोडेकर ने जोर देकर कहा कि वे इमारत की दूसरी मंजिल पर आएं, जहां कोई लिफ्ट नहीं थी। सेवा नियमों का उल्लंघन एवं अभद्र व्यवहार करने के कारण अरुण घोडेकर अगले आदेश तक निलंबित रहेंगे। (भाषा)
Edited by : Nrapendra Gupta